तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सोमवार को शिवगंगा जिले के पदमथुर के पास वैगई नदी के किनारे बन रहे बाढ़ सुरक्षा तटबंध के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत 40.27 करोड़ रुपये है, जिसे तमिलनाडु जल संसाधन विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। यह तटबंध न केवल बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र की कृषि भूमि के लिए सिंचाई सुविधाओं को भी बढ़ाएगा।
परियोजना से करीब 6,975 एकड़ कृषि भूमि को लाभ होने की उम्मीद है, जिसमें कानूर और पलयानूर समेत 19 तालाबों को सिंचाई सहायता मिलेगी।
निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कानूर में निर्माण स्थल का दौरा किया और परियोजना की प्रगति का जायजा लिया। जनवरी 2025 में शुरू हुए इस निर्माण कार्य में निरंतर प्रगति देखी जा रही है। अधिकारियों ने उन्हें परियोजना की तकनीकी और प्रगति संबंधी जानकारी दी।
उपमुख्यमंत्री स्टालिन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए, ताकि क्षेत्र के किसानों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह परियोजना स्थानीय किसानों के लिए जीवन रेखा साबित होगी, क्योंकि यह न केवल बाढ़ के खतरे को कम करेगी, बल्कि सिंचाई के लिए जल उपलब्धता को भी सुनिश्चित करेगी।
उपमुख्यमंत्री के दौरे का उद्देश्य न केवल परियोजना की प्रगति की समीक्षा करना था, बल्कि स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ना भी था। इस दौरान उन्होंने जनता को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ भी वितरित किए। उनके साथ सहकारिता मंत्री के.आर. पेरियाकरुप्पन, मनामदुरै विधायक तमिलारसी रविकुमार और शिवगंगा जिला कलेक्टर आशा अजित भी मौजूद थे।
दरअसल इस योजना का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि वैगई नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है। तटबंध के निर्माण से न केवल बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा, बल्कि क्षेत्र में कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी।
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