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तंजानिया : देश के बाहर शुरू हुआ आईआईटी का पहला विदेशी कैंपस

Tanzania: IIT's first foreign campus started outside the country

नई दिल्ली, 6 नवंबर । देश के बाहर आईआईटी का पहला कैंपस तंजानिया (जंजीबार) में सोमवार 6 नवंबर को प्रारंभ हो गया। तंजानिया में यह कैंपस आईआईटी मद्रास के सहयोग से स्थापित किया गया है।

भारत सरकार के मुताबिक देश के बाहर यह पहला आईआईटी संस्थान तंजानिया और अन्य अफ्रीकी देशों के छात्रों को विश्व स्तरीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी शिक्षा प्रदान करेगा। साथ ही दोनों देशों और महाद्वीपों के बीच शैक्षिक सहयोग में एक मील का पत्थर साबित होगा।

आईआईटी मद्रास के जंजीबार परिसर का उद्घाटन जंजीबार के राष्ट्रपति और रिवोल्यूशनरी काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. हुसैन अली मविनी ने किया। इसमें तंजानिया के अधिकारी, भारत के गणमान्य लोग, संस्थान के फैकल्टी और विद्यार्थी उपस्थित थे। यह संस्थान डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बीएस और एमटेक प्रोग्राम से शुरुआत करेगा। अगले वर्ष शिक्षा के अन्य प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। आईआईटीएम जंजीबार परिसर के पहले बैच में जंजीबार, मुख्य भूमि तंजानिया, नेपाल और भारत के विद्यार्थियों को प्रवेश मिला है। इनमें 40 प्रतिशत छात्राएं हैं।

भारत सरकार चाहती है कि भारत की सर्वोत्तम शिक्षा प्रणाली दुनिया के अन्य देशों में पहुंचे। इस दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है। आईआईटी मद्रास जंजीबार किसी आईआईटी का विदेश में पहला कैम्पस है। जंजीबार कैम्पस ब्वेलियो जिले में जंजीबार टाउन से लगभग 15 किमी दक्षिण में है। यहां छात्रों के लिए जरूरत की सभी विश्वस्तरीय सुविधाएं है। संस्थान के स्थायी परिसर का निर्माण ज़ांज़ीबार सरकार और भारत सरकार मिल कर करेंगी।

कैम्पस के छात्रों के रहने के लिए आवास और सभी जरूरी सुविधाएं होंगी। संस्थान के कार्यालयों, कक्षाओं और सभागारों की उचित व्यवस्था कर ली गई है। कैम्पस के अंदर भोजनालय और एक औषधालय भी है। यहां खेल की सुविधाएं देने की योजना बनाई जा रही है।

आईआईटी मद्रास चेन्नई परिसर में उपस्थित आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि ने कहा कि जंजीबार कैंपस में शिक्षा प्रोग्राम में भारत सहित सभी देशों के विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। वे डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सभी पहलुओं की गंभीर शिक्षा प्राप्त करेंगे। इस दौरान उन्हें विदेश में पढ़ने, सेमेस्टर एक्सचेंज प्रोग्राम जैसे कई दिलचस्प अवसर मिलेंगे।

अन्य देशों के साथ-साथ यूके और ऑस्ट्रेलिया स्थित आईआईटी मद्रास के साझेदार संस्थानों में पढ़ने का अवसर भी मिलेगा। विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा से संबद्ध कंपनियों में इंटर्नशिप करने और आईआईटी मद्रास परिसर में कुछ कोर्स करने का भी अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि जंज़ीबार, भारत, नेपाल और तंजानिया मेनलैंड सहित विभिन्न देशों के विद्यार्थियों के प्रवेश के साथ कैम्पस के पहले सेमेस्टर की शुरुआत हो गई है। डेटा साइंस और एआई में चार साल की बैचलर ऑफ साइंस डिग्री और डेटा साइंस और एआई में दो साल की मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी डिग्री के लिए कुल 45 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है।

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