इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आध्यात्मिकता, संस्कृति और कला का दिव्य संगम देखने को मिलेगा। यह भव्य आयोजन 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा, जिसके दौरान श्रीमद्भगवद्गीता का शाश्वत संदेश पूरी मानवता के साथ साझा किया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान श्रीमद्भगवद्गीता में छिपा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष महोत्सव में संयुक्त गणराज्य तंजानिया साझेदार देश होगा तथा ओडिशा साझेदार राज्य होगा।
सैनी ने बताया कि 2016 से अब तक पिछले आठ सालों में महोत्सव को अपार सफलता मिली है। देश-विदेश से लाखों लोग महोत्सव में आते हैं। पिछले साल 45-50 लाख लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2019 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मॉरीशस और लंदन में आयोजित किया गया, इसके बाद सितंबर 2022 में कनाडा, अप्रैल 2023 में ऑस्ट्रेलिया और 2024 में श्रीलंका और इंग्लैंड में समारोह आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक ब्रह्मसरोवर के तट पर प्रतिदिन भव्य गीता महाआरती का आयोजन किया जाएगा।
28 नवंबर से 11 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र के 48 कोस क्षेत्र में विभिन्न तीर्थ स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। महोत्सव की आधिकारिक शुरुआत 5 दिसंबर को ब्रह्म सरोवर पर गीता यज्ञ और पूजन के साथ होगी।
इसी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार’ शुरू होगा। 9 दिसंबर को पुरुषोत्तमपुरा बाग में संत सम्मेलन होगा, जिसके बाद 10 दिसंबर को उसी स्थान पर अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गीता जयंती (11 दिसंबर) पर ज्योतिसर तीर्थ पर गीता यज्ञ और भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 18,000 विद्यार्थियों द्वारा गीता का विश्वव्यापी पाठ किया जाएगा।
11 दिसंबर को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में 8 कोस तीर्थ सम्मेलन, गीता शोभा यात्रा, दीपोत्सव तथा 182 तीर्थ स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी ब्रह्मसरोवर पर 5 से 11 दिसंबर तक गीता पुस्तक मेला एवं प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक शिल्प एवं सरस मेला भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें तंजानिया और ओडिशा की संस्कृतियों के साथ-साथ अन्य कलात्मक कृतियां भी प्रदर्शित की जाएंगी।
ओडिशा के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हरियाणा गीता की भूमि है, जबकि ओडिशा महाप्रभु जगन्नाथ की भूमि है, जिन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है।
भारत में तंजानिया गणराज्य की उच्चायुक्त अनीसा कपुफी मबेगा ने कहा कि यह साझेदारी दर्शाती है कि संस्कृति किस प्रकार लोगों को एकजुट कर सकती है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि इस वर्ष भगवद गीता के पवित्र संदेश को प्रकट हुए 5,161 वर्ष पूरे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव के कार्यक्रम पहले ही पांच देशों मॉरीशस, इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में आयोजित किए जा चुके हैं।
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