लखनऊ, 28 दिसंबर । नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्परेटरी डिजीज और राष्ट्रीय टास्क फोर्स मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों ने इस बात पर सरकार को बधाई दी है कि दो साल से उत्तर प्रदेश नियमित क्लीनिक का आयोजन करने वाला भारत का पहला राज्य बन चुका है।
जून 2021 से ड्रग रजिस्टेंस (डीआर) टीबी रोगियों के गुणवत्तापूर्ण इलाज, रोकथाम और बेहतर प्रबन्धन के उद्देश्य से सेंट्रल टीबी डिवीजन और नेशनल टास्क फ़ोर्स के तत्वावधान में देश में डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लीनिक के आयोजन की पहल की गयी है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिला क्षय रोग अधिकारी और अन्य विभागीय कर्मचारी ऑनलाइन माध्यम से सीधे विशेषज्ञों से जुड़कर अपनी समस्या बताते हैं और उसका समाधान पाते हैं।
उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो दो साल से नियमित तौर पर इस क्लीनिक का आयोजन कर रहा है। राज्य क्षय रोग इकाई के तत्वावधान में बीते मंगलवार को ही 50वीं ऑनलाइन क्लीनिक के दौरान राष्ट्रीय टास्क फोर्स मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. अशोक भारद्वाज और टास्क फोर्स के उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्परेटरी डिजीज, नई दिल्ली के कंसल्टेंट टीबी रूपक सिंगला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां दो साल से लगातार क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है।
ऑनलाइन क्लीनिक के दौरान डीआर टीबी सेंटर से जुड़े कर्मचारियों ने विशेषज्ञों से इलाज में आने वाली दिक्कतों के बारे में बताया, जिसके प्रबन्धन के गुर विशेषज्ञों ने बहुत ही सरल और सहज ढंग से बताये। इसके अलावा आने वाले समय में इलाज को और बेहतर बनाने के लिए चल रहे शोध और आने वाली नई दवाओं के बारे में भी अवगत कराया। इसके माध्यम से केस प्रेजेंटेशन किया गया, फिर विशेषज्ञों ने राय देते हुए बताया कि केस कैसे मैनेज करना चाहिए।