अमरावती, 5 फरवरी आंध्र प्रदेश में विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के विधायकों ने सोमवार को विधानसभा और परिषद के संयुक्त सत्र में राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर के अभिभाषण को बाधित करने की कोशिश की।
यह आरोप लगाते हुए कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार उनसे झूठ बोल रही है, टीडीपी विधायकों ने नारे लगाए। बाद में उन्होंने वाकआउट कर दिया।
राज्यपाल बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों को संबोधित कर रहे थे।
जब टीडीपी विधायकों ने भाषण में किए गए कुछ दावों पर विवाद करते हुए नारे लगाए तो हंगामा मच गया।
जब राज्यपाल ने कहा कि सरकार जगनन्ना विद्या दीवेना योजना के तहत कुल फीस की प्रतिपूर्ति कर रही है, तो टीडीपी सदस्यों ने इसे झूठ बताते हुए नारे लगाए।
उन्होंने इस दावे का भी खंडन किया कि 17 नए सरकारी अस्पताल स्थापित किए गए।
टीडीपी सदस्यों के नारों का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी ‘जय जगन’ के नारे लगाए।
बाद में विधायकों ने सरकार के झूठ का विरोध करते हुए वाकआउट किया। उन्होंने कहा कि वे बाहर आ गए, क्योंकि वे अब राज्यपाल के माध्यम से बोले जा रहे झूठ को पचा नहीं पा रहे हैं।
टीडीपी विधायकों और एमएलसी ने हॉल से बाहर आते समय विधानसभा लॉबी में नारे लगाए। वे परिसर में विरोध में बैठ गए, लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें हटने के लिए कहा, क्योंकि राज्यपाल को उसी निकास द्वार से बाहर आना था।
इससे पहले टीडीपी विधायक रैली के रूप में विधानसभा पहुंचे। हाथों में बैनर और तख्तियां लिए हुए उन्होंने ‘बाय-बाय जगन’ के नारे लगाए।
टीडीपी नेता किंजरापु अचेन नायडू ने कहा कि यह जगन मोहन रेड्डी का आखिरी विधानमंडल सत्र था और उन्होंने मांग की कि वह अपने कुशासन के लिए लोगों से माफी मांगें। उन्होंने भविष्यवाणी की कि लोग आने वाले चुनावों में जगन को घर भेज देंगे।
उन्होंने विधानसभा परिसर के आसपास पुलिस चौकियों और बैरिकेड्स को लेकर वाईएसआरसीपी सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया।
टीडीपी विधायकों ने अन्य ज्वलंत मुद्दों के अलावा नौकरी कैलेंडर जारी न होने और पोलावरम परियोजना को पूरा करने में देरी के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि जगन रेड्डी शासित राज्य सरकार आंध्र प्रदेश को विफल कर चुकी है और अब चर्चा के लिए कुछ भी नहीं है।
हिंदूपुर विधायक नंदमुरी बालकृष्ण ने भी विपक्ष को दबाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल करने के लिए जगन प्रशासन की आलोचना की।