हैदराबाद, 5 सितंबर । आंध्र प्रदेश पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी के कार्यालय में साल 2021 में हुए तोड़फोड़ मामले में पूर्व सांसद और वाईएसआर कांग्रेस के नेता नंदीगम सुरेश को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें मंगलगिरि ले जाया गया है। इसी जिले में पूर्व सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूर्व सांसद को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इसके बाद पुलिस गुंटूर जिले के उद्दंडारायुनिपलेम गांव पहुंची थी, लेकिन वो यहां नहीं मिले।
इस बीच, पुलिस को पूर्व सांसद के हैदराबाद में होने की जानकारी मिली। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
हाईकोर्ट ने बुधवार को सुरेश सहित अन्य नेताओं द्वारा दाखिल की गई अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की इच्छा से दाखिल याचिका भी खारिज कर दी थी।
बता दें कि कार्यालय में तोड़फोड़ मामले में मुख्य रूप से वाईएसआरसी एमएलसी लैला अप्पिरेड्डी और तलसीला रघुराम, और पार्टी नेता देवीनेनी अविनाश का नाम शामिल है।
हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पुलिस ने सुरेश की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया था। इसके बाद उसे हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। इस संबंध में पुलिस को जानकारी मिली थी कि सुरेश हैदराबाद में हो सकते हैं। यह जानकारी पुख्ता निकली और पुलिस ने उन्हें फौरन गिरफ्तार कर लिया।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री जोगी रमेश और उनके समर्थकों की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी। इन पर टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू के नेता प्रतिपक्ष रहने के दौरान उनके आवास पर तोड़फोड़ का आरोप है, जिसमें कोर्ट ने राहत देने से साफ इनकार कर दिया है।
जून में टीडीपी के अपने सहयोगियों जन सेना और बीजेपी के साथ सत्ता में आने के बाद पुलिस ने दोनों मामलों में नए सिरे से जांच शुरू की।
बता दें कि 2021 में टीडीपी प्रवक्ता कोम्मारेड्डी पट्टाभि राम द्वारा मुख्यमंत्री वाय एस जनगमनोहन रेड्डी पर विवादास्पद टिप्पणी करने के विरोध में बड़ी संख्या में वायएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने टीडीपी कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। इस घटना के बाद कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई।
वाईएसआरसीपी समर्थक टीडीपी कार्यालय में घुस गए और परिसर में तोड़फोड़ की, फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और खिड़की के शीशे तोड़ दिए। टीडीपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि हमलावरों ने लाठियों और हथौड़ों से लैस होकर कार्यालय के बाहर खड़ी कारों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।
पुलिस ने सितंबर 2021 में अमरावती में चंद्रबाबू नायडू के आवास पर हुए हमले की भी नए सिरे से जांच शुरू की, जिसमें तत्कालीन विधायक जोगी रमेश भी कथित तौर पर शामिल थे।
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