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शिक्षकों को एनईपी-2020 के अनुसार काम करना चाहिए

Teachers should work according to NEP-2020: Education Minister

विश्वविद्यालय के शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप समर्पण भाव से कार्य करना चाहिए।’ यह बात हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शुक्रवार को चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी में डीन, विभागाध्यक्षों और रजिस्ट्रार को संबोधित करते हुए कही।

शिक्षा मंत्री एनईपी-2020 के विभिन्न आयामों पर विश्वविद्यालय के संकाय के साथ चर्चा कर रहे थे।

बातचीत के दौरान, उन्होंने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि युवा तेज़ी से कृषि से दूर हो रहे हैं। इसलिए, उन्हें अनुसंधान के माध्यम से कृषि क्षेत्र में हो रहे नए विकास से अवगत कराया जाना चाहिए और खेती से होने वाले लाभों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उन्होंने डेयरी फार्मिंग और प्राकृतिक कृषि व्यवसायों की लाभप्रदता के उदाहरण दिए। उन्होंने देश के उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकसित करने वाली शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय में हाल के वर्षों में किए गए शोध की प्रशंसा की, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इस वर्ष शुरू किए जा रहे नए पाठ्यक्रमों पर प्रसन्नता व्यक्त की और उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करने की विश्वविद्यालय प्रशासन की पहल की सराहना की। लगभग तीन घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी राज नेहरू ने सुझाव दिए।

उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अनुसार डिजाइन किया जाना चाहिए ताकि छात्रों में ज्ञान, कौशल और योग्यता के स्तर को प्रभावी ढंग से विकसित किया जा सके।

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