N1Live Haryana तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष आत्महत्या: सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पत्नी को नाबालिग बेटे की कस्टडी देने की अनुमति दी
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तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष आत्महत्या: सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पत्नी को नाबालिग बेटे की कस्टडी देने की अनुमति दी

Tech expert Atul Subhash commits suicide: Supreme Court allows his wife to give custody of minor son

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बेंगलुरू के इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी को उनके चार वर्षीय बेटे की देखभाल करने की अनुमति दे दी। सुभाष ने पिछले महीने अपनी पत्नी और ससुराल वालों के उत्पीड़न के कारण कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नाबालिग से बातचीत करने के बाद न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने बच्चे को अतुल की मां को सौंपने से इनकार कर दिया, जिसने अपने पोते की कस्टडी मांगी थी।

पीठ ने 7 जनवरी को कहा था कि याचिकाकर्ता अंजू देवी – दादी – “बच्चे के लिए अजनबी” थीं और इस मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता।

सोमवार को यह आदेश तब आया जब बेंच ने अतुल की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया को निर्देश दिया कि वे अपने नाबालिग बेटे को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट के सामने पेश करें। बेंच ने सिंघानिया के वकील से कहा, “यह एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका है। हम बच्चे को देखना चाहते हैं।” वकील ने कहा कि वे 30 मिनट के भीतर बच्चे को कोर्ट के सामने पेश करेंगे।

जब बच्चे को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीठ के समक्ष पेश किया गया और न्यायाधीशों ने उससे बातचीत की, तो कार्यवाही का लाइव प्रसारण रोक दिया गया।

अतुल और निकिता की शादी 2019 में हुई थी और 2020 में उनके एक बेटे का जन्म हुआ। उसने 2021 में वैवाहिक घर छोड़ दिया और 2022 में अतुल और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए।

9 दिसंबर को बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले 34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट और 80 मिनट का एक वीडियो छोड़ा है, जिसमें उसने अपनी अलग रह रही पत्नी और उसके परिवार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उससे और उसके परिवार से पैसे ऐंठने के लिए उस पर और उसके परिवार पर नौ मामले दर्ज करवाए हैं।

अतुल के भाई की शिकायत पर निकिता को 15 दिसंबर 2024 को गुरुग्राम, हरियाणा से गिरफ्तार किया गया, जबकि उसकी मां और भाई को उसी दिन प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। उन पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और कुछ अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बेंगलुरू की एक अदालत ने 4 जनवरी को इस मामले में निकिता, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी।

अपनी याचिका में अतुल की मां ने इस तथ्य को उजागर करने की मांग की थी कि बच्चे के जैविक पिता और प्राकृतिक अभिभावक अब जीवित नहीं हैं तथा उसकी जैविक मां निकिता सिंघानिया और नानी – दोनों ही आपराधिक मामलों का सामना कर रही हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है।

उन्होंने आरोप लगाया कि नाबालिग कुछ अज्ञात व्यक्तियों की अवैध हिरासत में है और उन्हें अपने पोते के जीवन और स्वतंत्रता के लिए डर है। उन्होंने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि वह अधिकारियों को बच्चे को पेश करने का आदेश दे।

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