दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) के कुलपति प्रोफेसर श्री प्रकाश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय राज्य के जलाशयों और तालाबों के उत्थान, उनके संरक्षण, नियोजन और संबंधित विकास कार्यों में हरियाणा तालाब प्राधिकरण के साथ समन्वय करेगा।
सिंह की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें हरियाणा तालाब प्राधिकरण के प्रधान सलाहकार प्रभाकर कुमार वर्मा, विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग, वास्तुकला विभाग और पर्यावरण विभाग के प्रमुख उपस्थित थे। बैठक में परियोजना की रूपरेखा तैयार की गई।
सिंह ने कहा कि परियोजना के पहले चरण में, कई विभागों के छात्र और शिक्षक उन सभी गांवों का सर्वेक्षण करेंगे जहां जलाशय का काम पूरा हो चुका है या चल रहा है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण का उद्देश्य फीडबैक प्राप्त करना और वहाँ हुए विकास कार्यों का मूल्यांकन करना था और एक समग्र रिपोर्ट प्राधिकरण और राज्य सरकार को भेजी जाएगी। बैठक में चर्चा का दूसरा एजेंडा यह था कि विश्वविद्यालय को शिक्षकों और विशेषज्ञों की एक टीम तैयार करनी चाहिए, जो चल रहे जलाशय जीर्णोद्धार कार्य की गुणवत्ता का आश्वासन किसी तीसरे पक्ष को दे सके।
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि विश्वविद्यालय परिसर में जलाशय पुनरुद्धार उत्कृष्टता केन्द्र विकसित किया जाए, जो जलाशयों के विकास कार्यों में अनुसंधान कर सके तथा राज्य प्राधिकरण को सलाह दे सके।
वर्मा ने बताया कि पोर्टल पर पंजीकृत कुल 1,871 तालाबों में से 11,022 प्रदूषित हैं। प्राधिकरण ने वार्षिक कार्ययोजना 2025-26 में 6,542 तालाबों को शामिल किया है, जिनमें सोनीपत जिले के 311 तालाब शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 29 तालाबों का काम पूरा हो चुका है, जबकि पाँच तालाबों पर काम चल रहा है। वर्मा ने बताया कि अन्य तालाबों के लिए योजना बनाई जा रही है।
कुलपति ने सिविल इंजीनियरिंग, वास्तुकला विभाग और पर्यावरण विभाग को कार्य को व्यवस्थित ढंग से करने के निर्देश दिए। प्राधिकरण के विश्वविद्यालय समन्वयक प्रोफेसर विजय कुमार शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय सोनीपत जिले में तालाबों के विकास कार्यों में पहले से ही अपनी सेवाएँ दे रहा है। वास्तुकला विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि वैश्य छात्रों द्वारा किए जाने वाले सर्वेक्षण कार्य के लिए एक व्यापक योजना तैयार करेंगे।