बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को विपक्षी नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनके पास न तर्क है और न ही तथ्य है। उनकी सोच सामंती है।
उन्होंने कहा कि यह संविधान ‘गौरव वर्ष’ मनाया जा रहा है और बाबा भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि अब रानी के पेट से राजा नहीं पैदा होंगे, बल्कि जनता के बीच से एक सेवक के रूप में वह व्यक्ति सामने आएगा जो लोकतंत्र में उच्च पद पर होगा।
उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव ने हाल ही में छह हजार रुपये खाने के खर्च का मुद्दा उठाया था। लेकिन, उनके बयान में कोई सच्चाई नहीं है। मेरे पास इसका प्रमाण है, जो यह साबित करता है कि विधानसभा में छह सौ रुपये से भी कम में भोजन हुआ था। तेजस्वी यादव को इस पर माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनका आरोप गलत था।”
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा, पथ निर्माण विभाग में मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया था और जब इसकी जांच हुई, तो यह पाया गया कि तेजस्वी यादव के मंत्री रहते हुए कुछ अनियमितताएं हुई थीं। उनके गैरेज के भुगतान का मामला भी सामने आया था, और उनका यह सवाल उठाना कि क्या वह मंत्री थे, संदेहास्पद है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को अच्छे और ईमानदार नेतृत्व की आवश्यकता है, न कि भ्रष्टाचार और अपराध के माहौल में जीने वाले नेताओं की।
उन्होंने कहा, “हमने भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त वातावरण बनाने का संकल्प लिया है और हमारा उद्देश्य हर मामले में पारदर्शिता रखना है। बिहार में नेताओं के गलत कार्यों की जांच होनी चाहिए और जिनके खिलाफ आरोप हैं, उन्हें जवाब देना होगा। हम यह चाहते हैं कि हर मुद्दे पर सही तथ्यों के साथ काम किया जाए, और किसी भी दोषी को बचाया न जाए।”
उन्होंने कहा कि जहां तक बालू, गिट्टी और पत्थर की चोरी का सवाल है, यह गलत है और इसके लिए जवाब देना पड़ेगा। जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें न्यायालय में जवाब देना होगा। अगर हमारी ओर से कोई गलती हुई है, तो हम पूरी तरह से जांच के लिए तैयार हैं और उसके बाद जो फैसला होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे।
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