July 24, 2025
National

तेजस्वी यादव बताएं मृत मतदाता को वोटर लिस्ट में रखा जाना चाहिए या नहीं: दिलीप जायसवाल

Tejashwi Yadav should tell whether dead voters should be kept in the voter list or not: Dilip Jaiswal

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के ‘चुनाव बहिष्कार’ वाले बयान से बिहार की सियासत तेज हो गई है। उनके बयान पर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पूछा कि तेजस्वी यादव बताएं कि क्या मृत मतदाता को वोटर लिस्ट में रखा जाना चाहिए?

गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मेरे पास कहने के लिए कुछ बातें हैं। पहली बात यह कि नेता प्रतिपक्ष जिन मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आंकड़े बता रहे हैं, उन्हें पहले यह सोचना चाहिए कि मृतक मतदाताओं के नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं और ऐसे कितने मतदाता हैं जिनके नाम मृत्यु के कारण हटाए जा रहे हैं? उन्हें वह संख्या याद रखनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से मृत, स्थानांतरित, दोहरे मतदाताओं और फर्जी पते वालों के नाम हटाना एक तार्किक और जरूरी प्रक्रिया है।

जायसवाल ने सवाल उठाया कि क्या मृत मतदाताओं या गलत पते पर दर्ज लोगों के नाम वोटर लिस्ट में रखे जाने चाहिए। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए है। तेजस्वी जिन बातों का तर्क देकर बात कर रहे हैं, वोटर उन सब बातों पर ध्यान नहीं देते हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बेशक उन्हें ऐसा करना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि जनता ही उनका बहिष्कार करने की तैयारी में है। वे किसका बहिष्कार करेंगे? मतदाता खुद राजद और इंडी अलायंस का बहिष्कार करने की तैयारी में हैं।

बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि तेजस्वी यादव आने वाली स्थिति को ध्यान में रखकर बोल रहे हैं। उन्हें पता है कि इस बार उनकी सीटें दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाएंगी। उन्हें अच्छी तरह पता है कि उनकी हार तय है। इसलिए वो चुनाव से दूरी बनाने के लिए बयान दे रहे हैं कि चुनाव का बहिष्कार किया जाए। तेजस्वी यादव मौजूदा स्थिति को देखकर चुनाव से पहले ही भाग रहे हैं।

भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि वह बहिष्कार तो नहीं करेंगे, लेकिन बिहार की मानसिकता समझ गए हैं। जिस तरह से पहले लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा, फिर विधानसभा के उपचुनाव में सूपड़ा साफ हुआ, सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं की लहर देखकर उन्हें अपनी हार साफ दिखाई दे रही है।

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