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तेजस्वी यादव निकालेंगे ‘बिहार यात्रा’, लोगों के बीच उठाएंगे आरक्षण का ‘मुद्दा’

Tejashwi Yadav will take out 'Bihar Yatra', will raise the 'issue' of reservation among the people

पटना, 31 जुलाई । बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अपने नेता तेजस्वी यादव की प्रदेश यात्रा के पहले विभिन्न मुद्दों को धार देने में जुटी है। विपक्षी पार्टी आरक्षण जैसे मुद्दे को लेकर बिहार की जनता के बीच जा रही है और लगातार सत्ताधारी एनडीए को घेरने का काम कर रही है।

बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने 15 अगस्त के बाद प्रदेश की यात्रा पर निकलने की घोषणा की है। हालांकि, अभी इस यात्रा को लेकर कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस ‘बिहार यात्रा’ के दौरान तेजस्वी यादव सत्ता पक्ष को विभिन्न मुद्दों पर घेरेंगे। बिहार में जाति आधारित गणना के बाद सरकार ने आरक्षण की सीमा बढ़ा दी थी। जातिगत जनगणना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर महागठबंधन सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 16 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ी जाति के लिए 18 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत की थी।

इस तरह जाति आधारित आरक्षण की कुल सीमा 50 से बढ़कर 65 प्रतिशत हो गई। अलग से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके बाद मामला अदालत में पहुंच गया और पटना उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी। पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार सर्वोच्च न्यायालय पहुंची।

दूसरी तरफ राजद इस मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टी खासकर जदयू को घेर रही है। ऐसे में तय है कि तेजस्वी अपनी यात्रा के दौरान इस मुद्दे को हवा देंगे। इसी तरह राजद कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर भी सत्ता पक्ष पर हमलावर है। तेजस्वी यादव खुद इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि तेजस्वी अपनी बिहार यात्रा में इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से लेकर लोगों के बीच जाएंगे। भ्रष्टाचार के मामले भी विपक्ष को तलाशने की जरूरत नहीं है। बारिश के दिनों में लगातार पुलों का धराशायी होना विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है।

वहीं, केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से साफ मना कर दिया है। हालांकि, बिहार के लिए केंद्रीय बजट में बड़ी राशि का प्रावधान कर केंद्र सरकार ने इस मांग के असर को काफी हद तक कम किया है, लेकिन यह मुद्दा अब भी जिंदा है। माना जा रहा है कि तेजस्वी इस मुद्दे को भी अपने दौरे के क्रम में उठाएंगे।

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