बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। वहीं, भाजपा को लेकर भी सियासी हमला बोला। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में सरकार नाम की चीज नहीं है। यहां जो सिस्टम है, उस पर अफसरशाही काबिज हो गई है। मुख्यमंत्री टायर्ड हो चुके हैं और रिटायर्ड अधिकारियों के साथ सरकार चला रहे हैं।
अपने कार्यकर्ता दर्शन और संवाद यात्रा के क्रम में कैमूर पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा पर जोरदार कटाक्ष करते हुए कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन दूल्हा कोई नहीं है और न चेहरा है। अभी भी पिछलग्गू बने हुए हैं।
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “हम लोगों ने ईडब्ल्यूएस का कभी विरोध नहीं किया था। उस समय भी हम लोगों ने एक चीज मांगी थी कि ईडब्ल्यूएस में जो भी गरीब लोग हैं, उन लोगों के लिए भी एक कोटा होना चाहिए। दूसरी बात है कि हम लोगों ने ईडब्ल्यूएस को नहीं हटाया था। हम लोगों ने 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस के साथ 75 प्रतिशत आरक्षण लागू किया।”
तेजस्वी यादव ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर भी सत्ताधारी दलों को घेरते हुए कहा कि सबसे ज्यादा वोट बिहार से मिलता है। तीन बार से यहां से ज्यादा सीटें एनडीए को जाती रही हैं। बिहार से कई केंद्रीय मंत्री हैं। नीतीश कुमार भी सरकार में हैं, अब विशेष राज्य के दर्जे की मांग पूरी क्यों नहीं करवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के एनडीए सांसदों, मंत्रियों का बिहार में एक काम गिना दो, बिहार के लिए इन्होंने क्या किया? शायद बिहार के लोगों को पता भी नहीं होगा कि यहां कितने केंद्रीय मंत्री हैं। बिहार में सरकार नाम की चीज नहीं है। मुख्यमंत्री चुप हैं। अगर नेता विरोधी दल चिट्ठी लिखे तो सरकार को जवाब तो देना चाहिए, लेकिन वह भी नहीं देते। सरकार किसका जवाब देगी।
उन्होंने प्रशांत किशोर के आंदोलन को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग का मामला जब तूल पकड़ने लगा तो कुछ लोग आए, उनमें एक एक्टर हैं, एक डायरेक्टर हैं और एक प्रोड्यूसर हैं और एक वैनिटी वैन है, फिल्म दिखाया जा रहा है। हम इन सब चीजों पर ज्यादा टीका-टिप्पणी नहीं करते। इस आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया।
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