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अमित शाह के जातीय सर्वेक्षण में गड़बड़ी के आरोपों पर तेजस्वी का पलटवार, अनुमान लगाने से कुछ नहीं होता

Tejashwi's counterattack on Amit Shah's allegations of irregularities in caste survey, nothing is achieved by guessing.

पटना, 6 नवम्बर । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार के जातीय सर्वेक्षण पर गड़बड़ी के आरोपो को नकारते हुए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि आखिर किस आधार पर वे आरोप लगा रहे हैं। ये लोग अकबका गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री के इस्तीफे मांगने पर भी भाजपा को आड़े हाथों लिया।

तेजस्वी ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि गृह मंत्री को बताना चाहिए कि वे किस आधार पर बोल रहे हैं कि जातीय गणना में संख्या बढ़ाई या घटाई गई है। बिहार सरकार के पास तो साइंटिफिक आकड़ा है, उनके पास कौन सा आंकड़ा है। सिर्फ अनुमान लगाने से कुछ नहीं होता है। ये सब बेकार की बातें हैं।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समाज से आते हैं, तो कुर्मी की संख्या नहीं बढ़ा दी गई होती। उन्होंने कहा कि अमित शाह को बोलना क्या था और बोलकर क्या गए। वो आ रहे हैं, हम लोगों को ही फायदा पहुंचाने। धन्य हो अमित शाह बार-बार आते रहें।

दरअसल, अमित शाह ने रविवार को मुजफ्फरपुर की एक रैली में कहा था कि नीतीश सरकार ने जातीय सर्वे में लालू प्रसाद के दबाव में यादवों और मुसलमानों की संख्या जान-बूझकर बढ़ाकर दिखाई।

इधर, तेजस्वी ने भाजपा के विधायकों द्वारा कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात पर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पर कहा कि ये लोग हर दिन सिर्फ कहते हैं इस्तीफा दे दो, इस्तीफा दे दो, काहे का इस्तीफा दे दो भाई। लाखों के तादाद में नौकरियां बंट रही है, शिक्षा व्यवस्था को सुधारा जा रहा है। यहां की योजनाओं को अन्य राज्य के लोग देखने आ रहे। उन्होंने कहा कि देना ही है तो भारत सरकार के लोग इस्तीफा दे दें।

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