June 23, 2025
National

पीएम के लिए मर्यादित भाषा का प्रयोग करें तेजस्वी, सीएम नीतीश को सीखने की जरूरत नहीं : अशोक चौधरी

Tejaswi should use decent language for PM, CM Nitish does not need to learn: Ashok Chaudhary

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर तल्ख टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘पॉकेटमार’ बताया। अशोक चौधरी ने कहा कि यह बयान न केवल अशोभनीय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की मर्यादा का भी उल्लंघन है।

अशोक चौधरी ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि आज के समय में भारत में एक मैट्रिक पास व्यक्ति ही चपरासी बन सकता है, लेकिन जो व्यक्ति इस देश के लिए नीतियां बनाना चाहता है, संविधान में संशोधन करना चाहता है, उसके लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है। जब हमारे पूर्वजों ने संविधान बनाया था, तब उन्हें लगा कि अनुभव बहुत बड़ी चीज है। लेकिन, अब राजनीति में ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें न भाषा की मर्यादा का ज्ञान है और न ही पद की गरिमा का।

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के लिए बात करते हुए भाषा की गरिमा के बारे में नेताओं को ध्यान रखना चाहिए, उन्हें इसका ज्ञान होना चाहिए। हिंदी में इतने शब्द हैं कि विरोधियों पर तीखा प्रहार भी किया जा सकता है, लेकिन मर्यादा के साथ। एक बड़े नेता के तौर पर जब देश के युवा आपको देख रहे हैं, तो इस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग बेहद निंदनीय है। पीएम मोदी को जनता ने चुना है, आपने उन पर कोई कृपा नहीं की है। आपने उनके खिलाफ प्रचार किया, उन्होंने भी किया, लेकिन भाषा की मर्यादा दोनों को रखनी चाहिए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाए जाने के फैसले पर तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार उनकी नीतियों पर चल रही है। इस पर अशोक चौधरी ने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है। नीतीश को किसी के दिखाए रास्ते पर चलने की आवश्यकता नहीं है। जितनी उनकी उम्र है, उससे ज़्यादा समय से नीतीश राजनीति कर रहे हैं। चाहे वह जातीय जनगणना हो, हर घर नल का जल हो, जीविका योजना, पोशाक योजना, साइकिल योजना या हर घर बिजली योजना। ये सभी नीतीश कुमार की पहल हैं। बाद में भारत सरकार और अन्य राज्यों ने इन्हें अपनाया।

उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार न केवल एक अनुभवी नेता हैं, बल्कि इंजीनियर भी हैं। उन्होंने बिहार की परंपरा और विरासत को सशक्त करने का काम किया है। जब नीतीश कुमार सत्ता में आए, तब बिहार की प्रति व्यक्ति आय 7 हजार रुपए थी, आज यह बढ़कर 66 हजार रुपए हो गई है। यह आंकड़े प्लानिंग कमीशन और इंडियन इकोनॉमिक सर्वे के हैं। 40 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, आज यह संख्या घटकर 16 फीसदी हो गई है। पहले 1 फीसदी लोगों के घरों में नल का जल मिलता था, आज 95 फीसदी घरों में पानी आ रहा है। स्वच्छता मिशन के तहत पहले 2 फीसदी घरों में शौचालय थे, आज 95 फीसदी घरों में हैं। उन्होंने व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा कि यह कितना हास्यपद बयान है कि तेजस्वी यादव से नीतीश कुमार को सीखना पड़े।

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