हैदराबाद, 11 मार्च । तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर में सोमवार को पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी गीता के साथ हैदराबाद से लगभग 70 किलोमीटर दूर यदाद्री भोंगिर जिले में प्राचीन गुफा मंदिर के ब्रह्मोत्सवम् में भाग लिया।
वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी के साथ अनुष्ठान में हिस्सा लिया। प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ने रेशम के वस्त्र और ‘मुत्याला तालाब्रालू’ देवी को चढ़ाया।
इससे पहले मंदिर के पुजारियों ने वैदिक नियमों के अनुसार उनका स्वागत-सत्कार किया।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, कोमाती रेड्डी वेंकट रेड्डी, कोंडा सुरेखा और अन्य नेता भी शामिल थे।
पारंपरिक पोशाक पहने मुख्यमंत्री अपने सहयोगियों के साथ हेलीकॉप्टर से यादगिरिगुट्टा पहुंचे। उनके साथ बड़ी संख्या में वाहनों का काफिला पहाड़ी की ओर नई सड़क तक पहुंचा।
मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद ए रेवंत रेड्डी पहली बार यदाद्री गिरीगुट्टा मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे।
तेलंगाना के इस सबसे मशहूर मंदिर को वर्तमान में 11 दिनों के ब्रह्मोत्सव के लिए सजाया गया है।
इस मंदिर को पूर्व की बीआरए सरकार द्वारा 1,800 करोड़ रुपए के साथ पुनरुद्धार किया गया था।
मार्च 2022 में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पुनरुद्धार के बाद इस मंदिर का उद्घाटन किया था।
यदागिरिगुट्टा या यदाद्रि के ऊपर एक गुफा में स्थित सिंह देवता का गर्भगृह छह साल के अंतराल के बाद फिर से खोला गया है।
बता दें कि 2014 में तेलंगाना के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद केसीआर ने यदाद्री मंदिर को पुनरुद्धार करने और इसे प्रदेश का सर्वाधिक समृद्ध मंदिर बनाने का प्रस्ताव पेश किया था।
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