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तेलंगाना: सीएम रेवंत रेड्डी का पैतृक गांव 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा से संचालित

Telangana: CM Revanth Reddy's native village runs on 100% solar energy

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी का पैतृक गांव कोंडारेड्डीपल्ली भारत का दूसरा और दक्षिण भारत का पहला 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा संचालित गांव बन गया है। तेलंगाना सरकार के हरित ऊर्जा मिशन की बदौलत कोंडारेड्डीपल्ली ने दक्षिण भारत का पहला पूर्णतः सौर ऊर्जा संचालित गांव बनने का गौरव हासिल किया है।

नगरकुरनूल जिले के वंगूर मंडल में इस परियोजना के तहत 514 घर और 11 सरकारी इमारतें शामिल हैं। 480 घर पहले से ही 3 किलोवाट के रूफटॉप पैनल से चल रहे हैं, जबकि स्कूलों और 11 सरकारी कार्यालयों को 60 किलोवाट की सौर ऊर्जा इकाइ‌यों से बिजली मिल रही है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इंदिराम्मा आवास योजना के तहत पक्के मकान बन जाने के बाद मिट्टी की दीवारों वाले 34 मकान भी जल्द ही कवर कर लिए जाएंगे।

अब प्रत्येक घर में प्रति माह 360 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है, जिससे निर्बाध बिजली सुनिश्चित होती है और मासिक बिजली बिल से मुक्ति मिलती है।

कोंडारेड्डीपल्ली परियोजना को सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं, बल्कि आय सृजन भी विशिष्ट बनाता है। अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को 5.25 रुपए प्रति यूनिट की दर से दी जाती है। अकेले सितंबर महीने में ही गांव ने एक लाख यूनिट बेचकर लगभग 5 लाख रुपए की कमाई की।

10.53 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना को केंद्र से 3.56 करोड़ रुपए की सब्सिडी, प्रीमियर एनर्जीज से 4.09 करोड़ रुपए की सीएसआर फंडिंग और बुनियादी ढांचे के लिए 2.59 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी।

यह परियोजना तेलंगाना अक्षय ऊर्जा विकास निगम (टीजीआरईडीसीओ) द्वारा सामुदायिक भागीदारी से क्रियान्वित की जा रही है।

ग्रामीण गर्व से कहते हैं कि वे न सिर्फ आत्मनिर्भर बन गए हैं, बल्कि तेलंगाना के ग्रिड में स्वच्छ ऊर्जा का योगदान भी कर रहे हैं। कभी साधारण रहा यह गांव आज एक असाधारण उदाहरण बन गया है।

वहीं, अधिकारी कोंडारेड्डीपल्ली को एक आदर्श सौर गांव बताते हैं, जो आधुनिक तकनीक को ग्रामीण जीवन के साथ जोड़ता है। इस परियोजना को कार्बन उत्सर्जन कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के तेलंगाना सरकार के प्रयासों में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

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