हैदराबाद, 9 नवंबर । तेलंगाना के महबूबनगर शहर में पुलिस ने एक इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में एक कांस्टेबल दंपति को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि इंस्पेक्टर इफ्तेकार अहमद (45) की हत्या एक कांस्टेबल ने की थी जिसकी पत्नी का कथति तौर पर पीड़िता के साथ अवैध संबंध था।
महबूबनगर सेंट्रल क्राइम स्टेशन में इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत इफ्तेकार अहमद 2 नवंबर को शहर के पास एक खड़ी कार में बेहोश पाए गए थे। उनके गुप्तांगों से खून बह रहा था। उन्होंने 7 नवंबर को हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पुलिस की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। उसकी हत्या कांस्टेबल जगदीश (38) ने की थी, जिसने इंस्पेक्टर पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय की शिकायत कक्ष में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत अपनी पत्नी शकुंतला को परेशान करने का आरोप लगाया था।
आरोपी 2009 बैच के कांस्टेबल हैं जिन्होंने 2011 में प्रेम विवाह किया था। पुलिस के मुताबिक, एसपी कार्यालय में सर्किल इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत इफ्थेकर शकुंतला के संपर्क में आया। इंस्पेक्टर का बाद में तबादला हो गया था लेकिन पिछले साल दिसंबर में वह महबूबनगर लौट आया। तब से, वह कथित तौर पर शकुंतला को उसके मोबाइल फोन पर संदेश भेज रहा था।
पुलिस जांच में पता चला कि जगदीश ने इंस्पेक्टर और शकुंतला दोनों को अपना रवैया सुधारने के लिए कहा था। एक नवंबर की रात वन टाउन थाने में ड्यूटी के लिए जाते समय जगदीश ने अपने नौकर कृष्णा से कहा था कि अगर घर पर कोई आए तो उसे सूचित करे।
उसी रात इफ्थेकर ने शकुंतला को फोन पर संदेश भेजा कि वह उसके घर आ रहा है। उसने उसे बताया कि उसका पति घर पर है। इसके बावजूद वह रात करीब 11:20 बजे उसके पहुंच गया। उसने अपनी कार कुछ दूर पार्क कर रखी थी। कृष्णा ने तुरंत इसकी सूचना जगदीश को दी। जब शकुंतला इफ्तेकार से बात कर रही थी, तभी जगदीश वहां पहुंच गया और गुस्से में आकर इंस्पेक्टर पर चाकू से हमला कर दिया। हमले में कृष्णा ने भी उसकी मदद की। बाद में उन्होंने घायल इंस्पेक्टर को उसकी कार की पिछली सीट पर बैठाया।
जगदीश ने कृष्णा को सुनसान जगह ढूंढने को कहा और थाने के लिए निकल गया। थाने पहुंचने के बाद कांस्टेबल ने एएसआई के साथ फोटो खींचकर पुलिस ग्रुप में पोस्ट कर दिया ताकि लगे कि वह ड्यूटी पर है। घायल इंस्पेक्टर को पीछे की सीट पर बैठाकर कुछ दूरी पर कार छोड़कर कृष्णा घर लौट आया। बाद में, जगदीश और कृष्णा लगभग साढ़े तीन बजे वहां गए और इंस्पेक्टर को बाहर निकालने के बाद उसके सिर पर पत्थर से हमला कर दिया। उन्होंने इंस्पेक्टर के कपड़े उतारे, उसकी गर्दन पर चाकू मारा और उसे कार में छोड़कर घर लौट आए।
जगदीश ने शकुंतला को पूरी बात बता दी। आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए खून से सने अपने कपड़े धोए। अगली सुबह शकुंतला ने अपने भाई को घटना की जानकारी दी। उसकी सलाह पर महिला कांस्टेबल ने एएसपी व सीआई को सूचना दी। बाद में तीनों घर से भाग गए।
इसी बीच राहगीरों ने खड़ी कार में एक घायल व्यक्ति को देखा और पुलिस को सूचना दी। इफ्तिकार को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में हैदराबाद ले जाया गया, जहां 7 नवंबर को उनकी मौत हो गई।
डीएसपी महेश ने कहा कि कांस्टेबल दंपति को 8 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्होंने कहा कि कृष्णा अभी भी फरार है।