तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को सिंचाई विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता सी. मुरलीधर राव को आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी मंगलवार को हैदराबाद, करीमनगर और जहीराबाद में 10 ठिकानों पर तलाशी लेने के बाद की गई।
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने राव, उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के घरों पर छापे मारे। राव बीआरएस सरकार के शासनकाल में एक दशक तक मुख्य अभियंता के पद पर रहे। फरवरी 2024 में कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के एक हिस्से, मेदिगड्डा बैराज में खंभे डूबने की जांच के बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
राव 2013 में अविभाजित आंध्र प्रदेश से सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन उन्हें कई बार सेवा विस्तार मिला। एसीबी ने उनकी गिरफ्तारी कालेश्वरम परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के दौरान की है।
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आय से ज्यादा संपत्ति इकट्ठी की।
एसीबी ने मंगलवार सुबह हैदराबाद के बंजारा हिल्स में मुरलीधर राव के घर पर तलाशी ली। इसके बाद एसीबी के अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। करीमनगर और जहीराबाद में उनके अन्य ठिकानों पर भी तलाशी ली गई।
एसीबी ने कथित तौर पर नकद, सोना, संपत्ति के कागजात और निवेश के रिकॉर्ड जब्त किए हैं। राव के पास कथित तौर पर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति थी। राव की गिरफ्तारी सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है, खासकर उन अधिकारियों के खिलाफ जो कालेश्वरम परियोजना से जुड़े थे।
अप्रैल में एसीबी ने कालेश्वरम परियोजना से जुड़े पूर्व मुख्य अभियंता भूख्य हरि राम को उनकी आय से अधिक संपत्ति पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया था।
यह गिरफ्तारी उनके घर और 13 अन्य जगहों पर छापेमारी के बाद हुई है। एसीबी को हैदराबाद और आसपास के इलाकों में आलीशान विला और शहर के पास कई जमीनें समेत कई संपत्तियां मिली हैं।
बताया जा रहा है कि एसीबी की छापेमारी कालेश्वरम परियोजना से जुड़ी राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) की रिपोर्ट पर हुई थी। इस रिपोर्ट में परियोजना के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव में गंभीर गलतियां पाई गई थीं।
कहा जाता है कि हरि राम ने इस परियोजना के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पिछले महीने, एसीबी ने सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता नुने श्रीधर को गिरफ्तार किया था। उन पर कथित रूप से भारी संपत्ति जमा करने का आरोप है। वे भी करोड़ों रुपये की कालेश्वरम परियोजना से जुड़े थे।