N1Live National तेलंगाना सरकार ने आठ महीनों में 50,000 करोड़ रुपये उधार लिए : केटीआर
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तेलंगाना सरकार ने आठ महीनों में 50,000 करोड़ रुपये उधार लिए : केटीआर

Telangana government borrowed Rs 50,000 crore in eight months: KTR

हैदराबाद, 14 अगस्त। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने बुधवार को दावा किया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने केवल आठ महीनों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज उठाया है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि कर्ज के बाद भी सरकार ने एक भी नई परियोजना शुरू नहीं की।

केटीआर ने कहा कि कांग्रेस ने बीआरएस के बारे में अफवाहें और आधी-अधूरी सच्चाई फैलाई, जिससे राज्य का कर्ज बढ़ गया, लेकिन अब यह सभी तरह के रिकॉर्ड तोड़ रही है।

केटीआर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “कांग्रेस 2023 में 5,900 करोड़ के राजस्व अधिशेष में “परिवर्तन” की शुरुआत कर रही है! उसने बीआरएस सरकार के बारे में अफवाहें और आधी-अधूरी सच्चाई फैलाई कि राज्य का कर्ज बढ़ गया है और अब वे सभी तरह के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। उन्होंने 8 महीने के भीतर 50,000 करोड़ के कर्ज का आंकड़ा पार कर लिया है, वह भी एक भी नए इंफ्रा प्रोजेक्ट के बिना।”

बीआरएस नेता ने कहा, “इस आश्चर्यजनक दर से मुझे अगले कुछ वर्षों में 4-5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुड़ता दिख रहा है।”

एक अन्य पोस्ट में केटीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में गांवों और कस्बों से बदबू आ रही है। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण इलाकों में शासन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है जबकि कस्बों में स्थिति और भी खराब हो गई है।

उन्होंने कहा कि पंचायतें गंभीर संकट से जूझ रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली धनराशि बंद हो गई है।

केटीआर ने आरोप लगाया कि जिन सरपंचों का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है, वे कर्ज के दलदल में फंस गए हैं। उन्हें पिछले आठ महीनों के दौरान किए गए कार्यों के बिलों का भुगतान नहीं किया गया है।

स्वच्छता और जल निकासी का प्रबंधन बदतर हो गया है, गांवों में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मच्छर भगाने वाली दवाओं के लिए भी धन की कमी के कारण पंचायतों में डेंगू और मलेरिया बड़े पैमाने पर फैल रहा है।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “पंचायतों के लिए धन जारी किए बिना लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। क्या यह आपके लोगों का शासन है।”

उन्होंने याद दिलाया कि पिछली बीआरएस सरकार हर महीने पंचायतों को तुरंत 275 करोड़ रुपये जारी कर रही थी।

उन्होंने कहा, “अब 1800 पूर्व सरपंचों को लंबित बिल मांगने पर अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया।”

केटीआर जानना चाहते थे कि सरकार 15वें वित्त आयोग से प्राप्त 500 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों को कब जारी करेगी। उन्होंने पूछा कि रोजगार गारंटी योजना और स्वास्थ्य मिशन के लिए प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि का बंदरबांट क्यों किया गया।

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