हैदराबाद, 7 जनवरी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा है कि जिलों के पुनर्गठन के लिए एक न्यायिक आयोग नियुक्त किया जाएगा।
यह कहते हुए कि बीआरएस की पिछली सरकार ने वैज्ञानिक तरीके से जिलों का पुनर्गठन नहीं किया था, उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इसका अध्ययन करने के लिए एक आयोग नियुक्त करेगी।
मुख्यमंत्री ने एक तेलुगु टेलीविजन चैनल से कहा कि इस संबंध में राज्य विधानसभा में चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा।
एक महीने पहले पदभार संभालने वाले रेवंत रेड्डी ने कहा कि लोगों से सुझाव और आपत्तियां प्राप्त करने के बाद जिलों का पुनर्गठन किया जाएगा।
सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाला न्यायिक आयोग सभी 119 निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेगा और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नगर पालिकाओं, मंडलों की संख्या जैसे विवरणों का अध्ययन करेगा।
जब 2014 में तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग कर एक अलग राज्य बनाया गया था तब इसमें 10 जिले थे। बीआरएस की पिछली सरकार ने पुनर्गठन किया और 23 नए जिले बनाए, जिससे कुल संख्या 33 हो गई।
हालांकि, रेवंत रेड्डी ने कहा कि अभ्यास ठीक से नहीं किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मंडल और राजस्व प्रभाग भी अनियमित तरीके से बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 100 दिन में मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। विधान परिषद चुनाव के बाद ऐसा किया जायेगा, चूंकि मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, इसलिए समुदाय के एक नेता को परिषद में नामित किया जाएगा और उसे मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के नेता एम. कोदंडाराम को राज्यपाल कोटे के तहत विधान परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बुद्धिजीवी के रूप में वह नामांकन के योग्य हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों और सरकारी सलाहकारों जैसे नामांकित पद जनवरी के अंत तक भरे जाएंगे। जिन लोगों ने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और पार्टी के लिए बलिदान दिया है, उन्हें समायोजित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के निर्देश पर उन्होंने अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा, ”अपनी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) का कांग्रेस में विलय करने वाली वाई.एस. शर्मिला आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अगली अध्यक्ष होंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी स्तर पर वह शर्मिला की पूरी मदद करेंगे।
रेवंत रेड्डी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से फोन नहीं करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की आलोचना की।