December 16, 2025
National

एनसीआर में कोहरे से अस्थायी राहत, लेकिन जहरीली हवा बरकरार, एक्यूआई 400 के पार

Temporary relief from fog in NCR, but toxic air persists, AQI crosses 400

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर को एक बार फिर कोहरे से आंशिक राहत जरूर मिली है, लेकिन वायु प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), आईएमडी और आईआईटीएम के विभिन्न मॉनिटरिंग स्टेशनों से मिले ताजा आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के पार दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। पूरे एनसीआर को मानो गैस चैंबर में तब्दील होते देखा जा रहा है।

दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। जहांगीरपुरी और वजीरपुर में एक्यूआई 426 दर्ज किया गया, जो सबसे खराब स्तरों में शामिल है। डीटीयू, दिल्ली में एक्यूआई 425, आईटीओ में 402, सिरिफोर्ट में 402 और विवेक विहार में 411 दर्ज किया गया। इसके अलावा द्वारका सेक्टर-8 में 391, आईजीआई एयरपोर्ट टी-3 पर 323, आईआईटी दिल्ली में 339, लोधी रोड (आईआईटीएम) में 341 और लोधी रोड (आईएमडी) में 342 एक्यूआई रिकॉर्ड हुआ।

रोहिणी में 356, शादिपुर में 355, सोनिया विहार में 393 और श्री अरविंदो मार्ग में 348 का स्तर दर्ज किया गया। पूसा क्षेत्र में डीपीसीसी स्टेशन पर 394 और आईएमडी स्टेशन पर 370 एक्यूआई दर्ज किया गया।

एनसीआर के अन्य शहरों की स्थिति भी अलग नहीं है। नोएडा के सेक्टर-1 में एक्यूआई 416, सेक्टर-125 में 411, सेक्टर-116 में 394 और सेक्टर-62 में 355 दर्ज किया गया। गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में 410, संजय नगर में 362 और इंदिरापुरम में 336 एक्यूआई रिकॉर्ड हुआ।

इन आंकड़ों से साफ है कि पूरे एनसीआर में हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है। इस बीच मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार कोहरे की तीव्रता में कमी जरूर आई है। 16 दिसंबर को सुबह के समय घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला, जबकि 17 और 18 दिसंबर को हल्के कोहरे (शैलो फॉग) की संभावना जताई गई है। तापमान अधिकतम 23–25 डिग्री और न्यूनतम 9–11 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने एहतियातन स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। निर्देश के अनुसार कक्षा 6 और उससे ऊपर की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में ही संचालित की जाएगी, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण का कम से कम असर पड़े। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हवा की गति नहीं बढ़ती और स्थानीय स्तर पर प्रदूषण के स्रोतों पर सख्त नियंत्रण नहीं किया जाता, तब तक एनसीआर को इस जहरीली हवा से राहत मिलना मुश्किल है।

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