नई दिल्ली, 24 अक्टूबर । भारत और पाकिस्तान ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर अगले पांच साल के लिए समझौते को नवीनीकृत किया है। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दिल्ली प्रदूषण और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दो गुटों में हुए मारपीट को लेकर दिल्ली सरकार पर तंज भी कसा है।
आईएएनएस से बात करते हुए तरुण चुघ ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले करतारपुर कॉरिडोर खोलने और फिर लगातार सात पंजाबी परिवारों के लिए इसे खोलने के लिए धन्यवाद देता हूं। जो लोग पीछे रह गए थे, वे गुरुद्वारों के दर्शन के लिए प्रार्थना करते थे। गुरुमराय ने इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी को चुना और करतारपुर साहिब खुल गया और आज प्रधानमंत्री ने इसकी अवधि पांच साल के लिए बढ़ा दी है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। मैं हर अवसर पर प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं, चाहे वह गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश पर्व हो, श्री गुरु गोविंद सिंह का 350वां प्रकाश पर्व हो, श्री गुरु तेग बहादुर शाह पाक का 450वां प्रकाश पर्व हो, या ‘लंगर’ पर जीएसटी हटाने का मामला हो, प्रधानमंत्री मोदी पंजाबी समुदाय और सिख समुदाय के साथ खड़े पाए गए हैं और कदम आगे बढ़ा रहे हैं। मैं उनका हृदय से आभार और धन्यवाद व्यक्त करता हूं।”
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिवाली मनाने के दौरान दो समूहों के बीच मारपीट हुई। इस बारे में तरुण चुघ ने कहा कि दिवाली पूरी दुनिया में भारतीय त्योहार के रूप में मनाई जाती है। पूरी दुनिया में भगवान राम के नाम पर चलने वाले भारतीय मूल के लोग दिवाली को बहुत धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से कल जामिया शिक्षण संस्थान में जो हमला हुआ वह दुखद, निंदनीय और गैरकानूनी है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर भाजपा नेता ने कहा, “दूसरों पर आरोप लगाने की बजाय केजरीवाल पिछले 10 साल का हिसाब क्यों नहीं देते, जनता को क्यों नहीं बताते कि उन्होंने प्रदूषण रोकने के लिए कुछ किया या नहीं, जनता जानना चाहती है, वह आपसे पिछले 10 साल का हिसाब मांग रही है केजरीवाल साहब, आपने प्रदूषण खत्म करने के लिए क्या किया।”
उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा के वायनाड से नामांकन दाखिल करने पर कहा कि भाई-भतीजावाद में परिक्रमावाद का राजनीति करने का काम कांग्रेस पार्टी कर रही है, कोई नीति नहीं है, कोई नेता नहीं है, मुस्लिम लीग के कंधों पर बैठकर सदन पहुंचने की तैयारी हो रही है, बहन-बहनोई की जोड़ी हरियाणा के किसानों को लौटाने और उनकी जमीन हड़पने के बाद अब वायनाड पहुंची है, जब वायनाड में बाढ़ आई थी और वहां के लोग मुसीबत में थे, तब ये बहन-बहनोई की जोड़ी कहां थी?
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