पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 25, 26 और 27 दिसंबर को फतेहगढ़ साहिब में होने वाली आगामी शहीदी सभा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें।
आज यहां एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं के उस पवित्र स्थल पर दर्शन करने की उम्मीद है जहां साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह ने माता गुजरी जी के साथ शहादत प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और इस पवित्र शहर की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़कों की मरम्मत के लिए धनराशि आवंटित कर दी है और यह कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पूरे जिले को सेक्टरों में विभाजित किया जाना चाहिए और प्रत्येक सेक्टर की निगरानी शीर्ष पुलिस और सिविल अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में 300 मोबाइल शौचालय स्थापित किए जाने चाहिए और लोगों की सुविधा के लिए प्रमुख स्थानों पर एम्बुलेंस/दमकल सेवाएं तैनात की जानी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहर में आने वाले श्रद्धालुओं की मुफ्त यात्रा के लिए 200 ई-रिक्शा और 200 शटल बसें चलाई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र नगर में स्वच्छता सुनिश्चित करने के साथ-साथ यात्रियों की सहायता के लिए पार्टी और नागरिक समाज के स्वयंसेवकों को भी लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर के हर कोने में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए ताकि शहर में कानून व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। एक अन्य मुद्दे पर बोलते हुए भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि पवित्र नगर में 20 आम आदमी क्लीनिक (एएसी) स्थापित किए जाने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके।
मुख्यमंत्री ने जिला नागरिक एवं पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि शहर के आसपास पर्याप्त संख्या में पार्किंग स्थल बनाए जाएं ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने अधिकारियों को सभा के दौरान शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सफाई मशीनें, सीवरेज सफाई मशीनें, सुपर सक्शन मशीनें और अन्य आवश्यक मशीनें तथा कर्मचारी तैनात करने का भी निर्देश दिया। भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों को सभी विभागों के लिए एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का भी निर्देश दिया, जिसमें एक टोल-फ्री नंबर भी हो ताकि जरूरत पड़ने पर लोग उनसे संपर्क कर सकें
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह पवित्र भूमि न केवल सिखों के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है, क्योंकि हर साल सभी लोग यहां आकर छोटे साहिबजादों और माता गुजरी के शहादत दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी कि शहीदी सभा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे स्वयं इस कार्य की निगरानी करेंगे ताकि यह समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके, क्योंकि इस पवित्र भूमि पर साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के साथ माता गुजरी जी की शहादत ने सदियों से पंजाबियों को अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम उम्र में युवा साहिबजादों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान का विश्व इतिहास में शायद ही कोई उदाहरण मिलता है। उन्होंने कहा कि चूंकि हर साल शहीदी सभा के दौरान लाखों तीर्थयात्री इस स्थान पर आते हैं, इसलिए राज्य सरकार इस शहर का पूर्ण कायाकल्प कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि वह इस पवित्र स्थान पर आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करे और यह सुनिश्चित करने के लिए एक कारगर व्यवस्था बनाई जाए कि किसी भी तीर्थयात्री को अपनी यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।


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