बिहार के पर्यटन मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि माता जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी के पुनौराधाम में भव्य मंदिर, सोनपुर हरिहरक्षेत्र कॉरिडोर, गयाजी में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर, महाबोधि कॉरिडोर, और बोधगया में मेडिटेशन सेंटर जैसी कई सारी योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिन पर कार्य चल रहा है। उन सभी योजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण करने की जिम्मेदारी रहेगी। विशेषकर माता सीता की जन्मस्थली में स्वीकृत मंदिर परिसर को समय से पूर्ण करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
इससे पहले पटना के मुख्य सचिवालय स्थित पर्यटन विभाग कार्यालय में अरुण शंकर प्रसाद ने पर्यटन मंत्री पद का पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के बाद मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं, विरासतों तथा सभी धर्मों के पवित्र स्थलों के केंद्र के रूप में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां के विभिन्न पर्यटन सर्किट, यथा बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट, सूफी सर्किट, इको सर्किट, आदि, देश में विशिष्ट स्थान रखते हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों को परिभ्रमण में किसी तरह की कठिनाई उत्पन्न न हो, उनकी संख्या लगातार बढ़े, इसके लिए सरकार प्रयत्नशील रहेगी। उन्होंने कहा कि पटना, राजगीर, नालंदा तथा वैशाली में फाइव स्टार होटलों का निर्माण कराना विभाग का उद्देश्य है। विभिन्न नयनाभिराम पर्यटन स्थलों पर रोप-वे का निर्माण कार्य जारी है, जिसे यथाशीघ्र पूरा करने पर विभाग का जोर रहेगा।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष 2024 में जहां 6.60 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटक बिहार पहुंचे थे, वहीं इस वर्ष सितंबर तक 5.10 करोड़ से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक बिहार का भ्रमण कर चुके हैं। हम पर्यटकों की संख्या के मामले में देश में टॉप 10 राज्यों में आते हैं। इसे आगामी पांच वर्षों में टॉप-5 में आने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यटन को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए पर्यटन स्थलों को विकसित कर पर्यटकों की बुनियादी सुख-सुविधाओं का समुचित प्रबंधन करने का कार्य राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

