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लालू परिवार में बढ़ा विवाद, जीतन राम मांझी की बहू दीपा बोलीं-यह सब होना ही था

The controversy in the Lalu family escalated, Jitan Ram Manjhi's daughter-in-law Deepa said, "This was bound to happen."

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की बहू और ‘हम’ पार्टी की विधायक दीपा मांझी ने लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रही लड़ाई पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह घरेलू मामला है, लेकिन लालू प्रसाद यादव के परिवार में यह सब कुछ होना ही था।

लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को लेकर दीपा मांझी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे पहले ही बगावत कर चुके हैं। वे परिवार से अलग रहते हैं और पारिवारिक कार्यक्रमों से भी दूर रहते हैं।”

उन्होंने कहा, “ये उनका घरेलू मामला है। अगर लालू प्रसाद यादव अपने परिवार को एकजुट करना चाहते हैं तो उन्हें परिवार को साथ बैठाकर विवाद सुलझाना चाहिए।”

लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले ही राजद से निकाले जा चुके हैं। इस बार लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के तेवरों ने नए विवाद को तूल दिया। इसकी शुरुआत तेजस्वी यादव के करीबी और राज्यसभा सदस्य संजय यादव को लेकर रोहिणी आचार्य के एक पोस्ट से हुई।

तेज प्रताप यादव भी संजय यादव पर सवाल कर चुके हैं। इस बार रोहिणी आचार्य ने संजय यादव पर सवाल दागे हैं।

संजय यादव राजद की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ में तेजस्वी वाली फ्रंट सीट पर बैठे थे। रोहिणी ने उसकी तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए निशाना साधा था। जब विवाद की शुरुआत हुई तो डैमेज कंट्रोल के लिए रोहिणी आचार्य ने दो और तस्वीरें शेयर कीं।

अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, “वंचितों व समाज के आखिरी पायदान पर खड़े वर्ग समूह को आगे लाना ही राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के सामजिक और आर्थिक न्याय के अभियान का मूल मकसद रहा है। इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं तबके से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभूति है।”

हालांकि, बाद में रोहिणी ने एक भावुक पोस्ट भी किया। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को किडनी डोनेट करने वाला पुराना वीडियो शेयर किया और लिखा, “जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी, बेबाकी और खुद्दारी उनके लहू में बहती है।”

इसके बाद रोहिणी आचार्य ने एक और पोस्ट किया। उसमें लिखा, “मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य और धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है और न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।” फिलहाल, इससे बिहार की राजनीति में भूचाल आया हुआ है।

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