लखनऊ, 16 अगस्त (आईएएनएस)| यूपी की राजधानी लखनऊ में सिंगापुर की तर्ज पर देश का पहला नाईट सफारी और जैव विविधता पार्क बनने जा रहा है। देश में 13 ओपन डे सफारी हैं, लेकिन एक भी नाईट सफारी नहीं है। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में मंगलवार को हुए कैबिनेट बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है। इस बारे में पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सिंगापुर की विश्व की पहली नाईट सफारी की तर्ज पर 2027.46 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले कुकरैल वन क्षेत्र में 350 एकड़ में नाईट सफारी विकसित की जाएगी और 150 एकड़ में प्राणी उद्यान बनाया जाएगा। विश्व स्तरीय सुविधाओं के तहत नाईट सफारी में स्थानीय गाइड के साथ ट्रेन की सवारी और जीप की सवारी भी की जा सकेगी। इसके अलावा कैनोपी वाक, कैंपिंग गतिविधि, माउंटेन बाइक ट्रैक, दीवार पर्वतारोहण, ट्री टॉप रेस्टोरेंट, नेचर ट्रेल और फूड कोर्ट आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगीं।
नाईट सफारी में भव्य प्रवेश द्वार, व्याख्या केंद्र, बटरफ्लाई इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा 75 एकड़ में तेंदुआ सफारी, 60 एकड़ में भालू सफारी और 75 एकड़ में टाइगर सफारी बनाने की योजना है। वन्य जीवों को बाड़े में न रखकर खुले आकाश में केटल ग्रिड में रखे जाएंगे। यह एक ओपन एयर निशाचर चिड़ियाघर होगा, जो केवल रात में खुलेगा। सफारी में रात में जानवरों के लिए चंद्रमा की रोशनी की नकल करते हुए मंद प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। दिन में पर्यटकों के लिए आधुनिक थीम पार्क बनाया जाएगा।
प्राणि उद्यान और नाईट सफारी की स्थापना में मौजूदा वनस्पति और जीवों को यथासम्भव प्रभावित न करते हुए, अधिक से अधिक ऐसे खुले क्षेत्र, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं हैं, उनका ही प्रयोग किया जाएगा। कुकरैल वन क्षेत्र जहां-जहां बाहरी क्षेत्र और मार्ग से जुड़ा है, वहां चार लेन के मार्गों का निर्माण किया जाएगा, जिससे वहां आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। प्राणि उद्यान और नाईट सफारी की स्थापना के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक कराकर इसकी प्रक्रिया का निर्धारण जल्द कराया जाएगा। कुकरैल नदी को चैनलाइज कर आकर्षक रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राणि उद्यान और कुकरैल नाईट सफारी में पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
योगी प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत रहे हैं। जिसका नतीजा है कि देश की पहली नाईट सफारी मूर्त रूप लेने जा रही है। वर्तमान में कुकरैल वन क्षेत्र में एक घड़ियाल प्रजनन केंद्र, चिल्ड्रेन पार्क और एक वन विश्राम गृह है। इस क्षेत्र को नाईट सफारी और जैव-विविधता पार्क में परिवर्तित करने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह सामान्य रूप से देश और विशेष रूप से प्रदेश के लोगों को विश्व स्तरीय ईको-पर्यटन की सुविधा देगा।
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