कर्नाटक सरकार ने दोबारा से जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया है। इस फैसले पर राजनीति तेज हो गई है। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता श्रीरामुलु ने कहा कि हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि यह सिर्फ़ वोट बैंक की राजनीति के लिए और एक खास समुदाय को खुश करने के लिए किया जा रहा है।
भाजपा नेता श्रीरामुलु ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि हिंदू समाज के हर वर्ग के साथ उचित व्यवहार किया जाना चाहिए। इस तरह से राजनीति कैसे की जा सकती है? यह लंबे समय तक नहीं चलेगा।
कर्नाटक सरकार पर तंज कसते हुए श्रीरामुलु ने कहा, कर्नाटक में मुख्यमंत्री और अन्य लोग भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। इन लोगों को सरकार चलाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, एक दिन के लिए भी नहीं। वह सिर्फ भ्रष्ट लोगों का समूह हैं, वह अच्छे स्वभाव वाले लोग नहीं हैं, फिर भी वह सरकार चला रहे हैं।
वहीं, भाजपा एमएलसी एन. रविकुमार ने जातीय जनगणना पर कहा कि सरकार आगे बढ़ने को तैयार नहीं है। इससे पहले भी जाति जनगणना ठीक से नहीं की गई। कर्नाटक में पूरे समुदाय ने इसका विरोध किया।
रविकुमार ने आगे कहा कि वाल्मीकि विकास निगम के भीतर एक ‘जटिल’ धन शोधन अभियान का पता चला है, जिसमें पिछले साल मार्च और मई के बीच निगम के खाते से कल्याणकारी योजनाओं के लिए 187.33 करोड़ रुपये से अधिक की राशि धोखाधड़ी से निकाली गई थी।
कर्नाटक भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश शेषराघवचार ने कहा कि जातीय जनगणना कराने का फैसला कांग्रेस पार्टी हाईकमान की ओर से अपनाई गई एक ध्यान भटकाने वाली रणनीति मात्र है। वह किसी तरह से बेंगलुरु भगदड़ के मुद्दे को जाति जनगणना की ओर मोड़ना चाहते हैं।
बेंगलुरु भगदड़ पर भाजपा प्रवक्ता प्रकाश शेषराघवचार ने कहा, सीएम का इस घटना से इनकार करना बहुत गैरजिम्मेदाराना है। जब सिद्धारमैया ने पूछा, क्या विधान सौधा कार्यक्रम से पहले कुछ हुआ? सब कुछ स्टेडियम कार्यक्रम में हुआ। स्टेडियम में तो डीके शिवकुमार का कार्यक्रम था और वहीं विधान सौधा में सिद्धारमैया का कार्यक्रम था। इसलिए उन्होंने स्टेडियम कार्यक्रम से खुद को दूर कर लिया, जहां भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी।
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