मुंबई, 12 सितंबर । निर्देशक लक्ष्मीप्रिया देवी की फिल्म ‘बूंग’ को 49वें टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेरी दादी की कहानियों पर आधारित है।
लक्ष्मीप्रिया को 70 के दशक के अंत और 80 के दशक की शुरुआत में मणिपुर के कठिन समय के दौरान उनकी दादी द्वारा सुनाई गई लोक कथाओं से प्रेरणा मिली।
उसी के बारे में बात करते हुए लक्ष्मीप्रिया ने कहा, “मेरे बचपन की सबसे प्यारी याद मच्छरदानी के नीचे अपनी दादी की कहानियां सुनना है, जबकि बाहर गोलियों की आवाज गूंज रही थी। मेरी यह फिल्म उन्हीं कहानियों का हिस्सा है।”
एक्सेल एंटरटेनमेंट, चॉकबोर्ड एंटरटेनमेंट और सूटेबल पिक्चर्स द्वारा सह-निर्मित यह फिल्म मणिपुर से टीआईएफएफ में प्रदर्शित होने वाली पहली फिक्शन फिल्म है।
लक्ष्मीप्रिया ने बताया कि बूंग’ बनाने में काफी चुनौतियां सामने आई थी। स्थानीय कलाकारों और क्रू के साथ मणिपुर में फिल्म बनाना मुश्किल था, क्योंकि लोग फिल्म के काम में नए थे।
उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर के सभी समुदायों के साथ काम करने के लिए आभारी हूं।”
15 सितंबर को समाप्त होने वाला यह फेस्टिवल वैश्विक सिनेमा में उभरती प्रतिभाओं को सामने लेकर आता है। ‘बूंग’ से पहले 49वें टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दो मणिपुरी फिल्में दिखाई गई थीं, जिसमें ‘इमागी निंगथेम’ और डॉक्यूमेंट्री ‘ए क्राई इन द डार्क’ शामिल है।
‘बूंग’ की कहानी एक लड़के पर केंद्रित है जो अपने बिछड़े हुए पिता को घर लाकर अपने टूटे हुए परिवार को फिर से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
इंफाल पश्चिम के खुरुखुल गांव और भारत-म्यांमार सीमा पर मोरेह शहर में सेट यह फिल्म न केवल परिवार के बारे में है, बल्कि मणिपुर के समुदाय और भावना को भी दिखाती है।
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