ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने आज राज्य सरकार पर प्रतिशोध की भावना से काम करने तथा भाजपा विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
सत्ती ने यहाँ पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार भाजपा विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने सरकार से हर विधानसभा क्षेत्र में समान विकास सुनिश्चित करने और भाजपा विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के साथ भेदभाव न करने की माँग की।
उन्होंने राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के सेराज दौरे के दौरान जन आक्रोश की एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि एक ज़िम्मेदार व्यक्ति होने के नाते, नेगी को कल बाढ़ से तबाह हुए निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करते समय धैर्य से काम लेना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा, “सेराज में बारिश की आपदा के बारे में राजस्व मंत्री की अभद्र टिप्पणी से लोग भड़क गए और उन्होंने शुक्रवार को अपना आक्रोश व्यक्त किया। अब, 60 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को धमकाया जा रहा है।”
सत्ती ने आरोप लगाया कि सिराज के आपदा प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने के बजाय, ज़िला प्रशासन प्रदर्शनकारियों और उनके परिवारों को धमका रहा है और निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार निंदनीय है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।
ऊना विधायक ने मंडी के थुनाग से बागवानी महाविद्यालय स्थानांतरित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया। उन्होंने आरोप लगाया, “2022 में पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बागवानी महाविद्यालय की आधारशिला रखी थी और 205 बीघा ज़मीन स्वीकृत कर इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई थी। 2023 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई और सभी निर्माण कार्य ठप हो गए।”
सत्ती ने कहा कि हालाँकि मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री ने विधानसभा में आश्वासन दिया था कि कॉलेज को न तो स्थानांतरित किया जाएगा और न ही बंद किया जाएगा, फिर भी इसे स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत तानाशाही और जनहित के विरुद्ध लगभग 1,000 संस्थानों को बंद करके की थी, जो सिलसिला जारी है।”