मध्य प्रदेश के रोजगार, किसानों की स्थिति और लघु उद्योगों की स्थिति को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से सवाल किए हैं और पूछा कि जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ। नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने मुख्यमंत्री यादव से 11 सवाल पूछे।
उन्होंने कहा है कि बात युवाओं को नौकरी देने की हुई थी, लेकिन मध्य प्रदेश में तो हजारों फर्जी कर्मचारी बना दिए गए, भर्ती परीक्षाओं में घोटाले हुए, फिर भी सरकार चुप क्यों है? इन घोटालों का जिम्मेदार कौन है? कहा गया था कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी। आखिर मध्य प्रदेश उस लक्ष्य को क्यों नहीं हासिल कर पाया?
नेता प्रतिपक्ष ने लघु उद्योगों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में लगभग 18 लाख एमएसएमई हैं, फिर भी इस विभाग का बजट मात्र 1700 करोड़ रुपये क्यों रखा गया? यह सूक्ष्म उद्यमों के साथ अन्याय नहीं तो और क्या है? पेसा कानून आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, फिर प्रदेश सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू क्यों नहीं करवा पा रही है?
वनाधिकार को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि आदिवासी परिवारों को अब तक वन अधिकार क्यों नहीं दिए गए? क्या सरकार इन अधिकारों को दबाने की नीति पर चल रही है? ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा, “भाजपा ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने का वादा किया, फिर भी भोपाल में पेट्रोल-डीजल मुंबई और दिल्ली से ज्यादा महंगा क्यों बिक रहा है? इसके साथ न खाऊंगा, न खाने दूंगा की बात की गई थी, फिर जल जीवन मिशन, परिवहन विभाग और प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले कैसे हुए? और इन पर प्रदेश सरकार अब तक चुप क्यों है?”
राज्य में बेरोजगारी की स्थिति पर चिंता जताते हुए सिंघार ने कहा, हर हाथ को काम देने का वादा था, फिर मनरेगा जैसी योजनाओं में बजट में कटौती क्यों की जा रही है? 100 दिनों के रोजगार की गारंटी सुनिश्चित करने में सरकार क्यों विफल है? इसके अलावा पड़ोसी राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश में बिजली के बिल सबसे ज्यादा क्यों हैं? नवीकरणीय ऊर्जा के दावों का क्या हुआ? उज्ज्वला योजना में गैस सिलेंडर दिए गए, लेकिन गैस भरवाने के लिए गरीबों के पास पैसे नहीं हैं। हर घर को 400 में सिलेंडर देने का वादा किया गया था, अब तक वह वादा पूरा क्यों नहीं हुआ?
दलित आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचार का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष सिंघार का कहना है कि प्रदेश में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार इन घटनाओं को रोकने में अब तक नाकाम क्यों रही है? 11 साल सेवा के जश्न खूब चमक-धमक के साथ मनाए जा रहे हैं, मगर जमीनी हकीकत चीख-चीख कर कह रही है – ये विकास नहीं, बस इवेंट मैनेजमेंट है!
Leave feedback about this