शिवसेना नेता भरत सेठ गोगावले ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को कांग्रेस द्वारा ‘कव्वालीवाला’ बताए जाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का राजनीतिक मोर्चे पर ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है, इसलिए इनके नेता भी इसी तरह का बयान देंगे।
इसके बाद उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया बताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह संवैधानिक पदों पर किसी की भी नियुक्ति बहुत ही सोच-समझकर की जाती है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अब इस पार्टी का राजनीतिक मोर्चे पर ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है, तो जाहिर सी बात है कि इनके नेता भी इसी तरह का बयान देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से देश के मुख्य चुनाव आयुक्त को कव्वालीवाला बताया है, वह पूरी तरह से गलत है। इस तरह के बयानों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस तरह के बयान की राजनीति में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
इसके बाद जब उनसे शिवसेना के विधायकों की सिक्योरिटी कम किए जाने के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि इस पर आगे हम विचार करेंगे कि क्या करना है और क्या नहीं, लेकिन फिलहाल मैं इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।
बता दें कि चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया है। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में सोमवार देर रात अधिसूचना जारी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सोमवार शाम को दिल्ली में बैठक की, जिसमें ज्ञानेश कुमार को भारत का नया मुख्य चुनाव आयुक्त चुना गया।
वहीं, हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को ज्ञानेश कुमार की पदोन्नति के बाद चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किए गए सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
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