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दिल्ली विधानसभा का ऐतिहासिक मानसून सत्र शुरू, मंत्रियों और विधायकों ने भी जताई खुशी

The historic monsoon session of Delhi Assembly began, ministers and MLAs also expressed happiness

दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया, जो कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह सत्र न केवल पूरी तरह से पेपरलेस है, बल्कि विधानसभा अब सौर ऊर्जा से भी संचालित हो रही है। इस बदलाव को लेकर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और कई विधायकों ने खुशी जताई है।

मानसून सत्र में शिक्षा बिल और दो सीएजी (सीएजी) रिपोर्ट पेश किए जाएंगे, जो दिल्ली के निजी स्कूलों में फीस वृद्धि पर नियंत्रण और पुराने भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न नेताओं ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में इस सत्र की विशेषताओं और महत्व पर प्रकाश डाला।

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि अब सभी दस्तावेज, जैसे कि रूल्स ऑफ बिजनेस, सीएजी रिपोर्ट, बिल, सदस्यों के नोटिस, प्रतिवेदन और समिति की रिपोर्ट, ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। यह पूरी तरह से पेपरलेस प्रक्रिया है, जो पर्यावरण संरक्षण और धन की बचत दोनों में योगदान देगी। पहले कागजों की सीमित उम्र होती थी और उन्हें संभालना मुश्किल था। अब एक क्लिक पर कोई भी पुराना दस्तावेज देखा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि इस बदलाव से सालाना करीब 1.75 करोड़ रुपए के बिजली बिल की बचत होगी। साथ ही, रिकॉर्ड रूम में कागजों को संभालने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। विधानसभा को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए 500 मेगावाट का सोलर पैनल लगाया गया है, जिससे यह पूरी तरह से हरित (ग्रीन) विधानसभा बन गई है। उन्होंने इसे पर्यावरण के लिए एक बड़ा कदम बताया।

वहीं, विधायक आशीष सूद ने शिक्षा बिल को लेकर कहा, “1973 के स्कूल एजुकेशन रेगुलेटरी एक्ट में कमियां थीं, जिन्हें सुधारते हुए यह बिल लाया जा रहा है। इससे शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, निजी स्कूलों और सबसे बड़े हितधारक अभिभावकों को फायदा होगा। अब फीस वृद्धि पर नजर रखी जाएगी।”

उन्होंने कहा कि यह बिल दिल्ली की जनता के लिए दूरगामी परिवर्तन लाएगा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार और मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र को ज्यादा पारदर्शी बनाएगा।

भाजपा विधायक गजेंद्र सिंह यादव ने कहा, “भ्रष्टाचार के घोटाले उजागर होने चाहिए। सीएजी रिपोर्ट में पुराने भ्रष्टाचार का हिसाब-किताब होगा। विपक्ष इन रिपोर्टों से तिलमिला जाता है, क्योंकि उन्हें जवाब देना पड़ता है।”

भाजपा विधायक संजय गोयल ने भी इस बात का समर्थन किया और कहा कि सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री आशीष सूद शिक्षा बिल और सीएजी रिपोर्ट पेश करेंगे। यह सत्र दिल्ली सरकार के लिए एक नया अध्याय है। निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर पहली बार रोक लगेगी।

विधायक अशोक गोयल ने इस सत्र को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दिल्ली, देश की राजधानी होने के नाते, तकनीक में अग्रणी होनी चाहिए। पिछले कई वर्षों से जो काम होने चाहिए थे, वह अब हो रहा है। मैं विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का आभार व्यक्त करता हूं। यह ई-विधानसभा का पहला दिन है, और इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। इससे सदस्यों को बहुत सुविधा होगी, और हम अन्य विधानसभाओं की कार्यवाही भी देख सकेंगे।

भाजपा विधायक शिखा राय ने भी इस बदलाव की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को बधाई देती हूं। यह विधानसभा अब पूरी तरह से पेपरलेस और सौर ऊर्जा पर निर्भर है। यह एक ऐतिहासिक कदम है। शिक्षा बिल से निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर नियंत्रण होगा, और सभी सत्र अब इस तरह होंगे।”

वहीं, मंत्री रविंदर इंद्राज सिंह ने इसे एक नया विजन बताया और कहा कि पेपरलेस विधानसभा और सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम है। अध्यक्ष ने इस दिशा में एक अनूठा प्रयास किया है। सीएजी रिपोर्ट पुराने भ्रष्टाचार को उजागर करेगी, और यह सत्र दिल्ली के लिए एक नई शुरुआत है।

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