सिरसा के रंगा गांव की कृषि भूमि की सिंचाई के लिए घग्गर से नहर निकालने की आवश्यकता पर बल देते हुए कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला ने कहा कि इससे किसानों को लाभ होगा और बाढ़ की संभावना कम होगी।
बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी द्वारा नहर बनाने के बारे में पूछे गए सवाल से असंतुष्ट केहरवाला ने कहा कि पंजाब से हरियाणा में घग्गर नदी के प्रवेश करने के स्थान पर पानी का उच्च दबाव स्थानीय किसानों के लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “आप इससे राजनीतिक लाभ उठा सकते हैं, लेकिन बाढ़ को कम करने और खेतों के लिए सिंचाई के पानी को सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए।” जवाब में स्पीकर ने विधायक से कहा कि यह राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि जनहित में किया जाना चाहिए।
बादली के कुलदीप वत्स ने बताया कि बादली विधानसभा क्षेत्र के सुबाना गांव और आसपास के इलाकों में जमा पानी की निकासी के लिए जाहदपुर नहर तक बिछाई गई पाइपलाइन से समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 4.5 करोड़ रुपये मंजूर किए थे, लेकिन छह महीने में ही पाइपलाइन फट गई। उन्होंने कहा, “फिर आठ गांवों के पानी की निकासी के लिए सरकार ने ड्रेन नंबर 8 से जोड़ने के लिए फंड मंजूर किया। वह काम भी घटिया था। सरकार को जांच करनी चाहिए कि पाइपलाइन बिछाने के छह महीने के भीतर ही कैसे फट गई और नालियों के लिए आया सारा पैसा कहां गया।”
अप्रत्याशित रूप से संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने उनकी मांग का समर्थन किया और कहा कि स्थिति में सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। ढांडा ने सुझाव दिया, “सदन में समाधान नहीं निकाला जा सकता। विधायक मंत्री के साथ बैठकर समाधान पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।”
इनेलो के आदित्य देवीलाल ने भी कृषि ऋण का मुद्दा उठाया। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि 31 दिसंबर 2024 तक 27,71,676 किसानों पर 60,060 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। आदित्य ने कहा कि ऋण की राशि में वृद्धि होना तय है, क्योंकि किसानों को सिंचाई के लिए अपर्याप्त पानी मिल रहा है और बीज तथा कीटनाशकों के लिए उन्हें अपनी जेब से भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने जानना चाहा कि सरकार इस समस्या का समाधान कैसे करना चाहती है।
इस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बजट में किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रावधान किया गया है तथा ड्रिप सिंचाई के माध्यम से अंतिम छोर तक तथा प्रत्येक खेत तक पानी पहुंच रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने हाल ही में 561 डॉक्टरों का चयन किया है और जल्द ही उनकी नियुक्ति कर दी जाएगी। इससे सभी सिविल अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। साथ ही, सरकार इन अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों की कमी को दूर करने के लिए काम करेगी।
इस बीच, सदन पर्यावरण और प्रदूषण के साथ-साथ युवा और युवा मामलों पर दो अतिरिक्त समितियों का गठन करेगा। इन दो महत्वपूर्ण विषयों पर समितियों के लिए अध्यक्ष द्वारा दिए गए सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सदन में एक प्रस्ताव लाया जाएगा।