झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि जेएमएम की समीक्षा बैठक से बिहार और झारखंड की जनता को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में गठबंधन की समीक्षा को लेकर जेएमएम की घोषणा पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस समीक्षा का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि चुनाव के बाद समीक्षा की बात क्यों की जा रही है। जेएमएम बिहार चुनाव नहीं लड़ रही, गठबंधन में उन्हें एक भी सीट नहीं मिली। फिर समीक्षा करके क्या फर्क पड़ेगा?
उन्होंने कहा कि इससे न तो बिहार की जनता को फर्क पड़ता है और न ही झारखंड की जनता को। भाजपा के डर से ‘चोर-चोर मौसेरे भाई’ एक हो रहे हैं। जेएमएम में समीक्षा बैठक करने की हिम्मत नहीं है। यह सब सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ नहीं होने वाला।
बता दें कि जेएमएम झारखंड में कांग्रेस-राजद के साथ गठबंधन में है। चूंकि बिहार विधानसभा चुनाव में जेएमएम महागठबंधन के साथ मिलकर अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारना चाहता था, बताया जाता है कि जेएमएम छह सीटों की मांग कर रहा था। लेकिन महागठबंधन की ओर से सीट नहीं मिलने से जेएमएम में नाराजगी थी।
यही वजह है कि जेएमएम ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। जेएमएम ने राजद-कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप भी लगाया। हालांकि, झारखंड कांग्रेस नेताओं ने माना है कि जेएमएम बिहार विधानसभा चुनाव में लड़ना चाहता था, जो स्वाभाविक भी है।
कांग्रेस नेताओं की मानें तो जेएमएम को सीट मिलनी चाहिए थी। गठबंधन में क्या तय हुआ, इसके बारे में जानकारी नहीं, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सीट नहीं मिली, यह दुखद है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, हेमंत सोरेन त्याग करना जानते हैं; चुनाव के बाद सबकुछ सुलझा लिया जाएगा।