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500 साल से ज्यादा पुराना कुब्जा मंदिर है खास, राधा संग नहीं कुब्जा संग विराजमान हैं श्रीकृष्ण

The Kubja Temple, over 500 years old, is special; Lord Krishna is seated not with Radha but with Kubja.

आज देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मथुरा-वृंदावन दौरे पर हैं। राष्ट्रपति मथुरा-वृंदावन की पावन धरती पर अलग-अलग मंदिरों में दर्शन कर रही हैं।

राष्ट्रपति निधिवन, बांके बिहारी मंदिर, सुदामा कुटी, कुब्जा कृष्ण मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान में दर्शन करेंगी। खास बात ये है कि राष्ट्रपति मुर्मू कुब्जा कृष्ण मंदिर जाएंगी, जो यमुना किनारे बसे अंतरपाड़ा में मौजूद है।

यह मंदिर श्री कृष्ण की कृपा का जीता-जागता उदाहरण है क्योंकि यहां आज भी श्रद्धालु अपनी बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। यह मंदिर 500 साल से ज्यादा पुराना है और यहां श्रीकृष्ण कुब्जा के साथ श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं।

कहा जाता है कि इसी स्थान पर कंस की दासी कुब्जा रहा करती थी और यहां से अपने हाथों से चंदन पीसकर कंस को भेजती थी। जब कंस और भगवान श्रीकृष्ण के बीच मलयुद्ध होना था, तो श्रीकृष्ण खुद आकर कुब्जा से मिले थे और उनकी पीठ पर प्यार से हाथ फेरा था।

श्रीकृष्ण के हाथ लगाते ही कुब्जा के सारे रोग नष्ट हो गए और वो सुंदर महिला में बदल गई। इसी चमत्कार के बाद आज भी श्रद्धालु कुब्जा मंदिर अपने रोगों से छुटकारा पाने आते हैं।

मान्यता है कि जिस किसी को भी चर्म रोग हो, वह इस मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करता है तो चर्म रोग से मुक्ति पाता है।

कुब्जा मंदिर सिर्फ फिजिकल हीलिंग के लिए नहीं है, बल्कि श्रीकृष्ण के प्रति कुब्जा की आंतरिक श्रद्धा को भी दर्शाता है। आज इसी मंदिर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दर्शन के लिए दोपहर बाद आने वाली हैं, जिसके देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं।

ड्रोन से मथुरा-वृंदावन के मुख्य स्थानों की निगरानी हो रही है। बता दें कि राष्ट्रपति ने बांके बिहारी मंदिर और निधिवन के दर्शन कर लिए हैं। वो अपने पूरे परिवार के साथ श्रीकृष्ण के पावन स्थलों का दर्शन कर रही हैं।

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