November 28, 2024
National

झुंझुनूं में आज होगा शहीद जवान अजय सिंह और बिजेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार

झुंझुनूं, 17 जुलाई । जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए झुंझुनूं के दो जवानों का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पहुंचेगा। दोनों जवानों का फिर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दरअसल, शहीद जवान अजय सिंह भैसावता कलां गांव और बिजेंद्र सिंह डूमोली कलां गांव के रहने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से गांव लाया जाएगा। दोनों जवानों के अंतिम संस्कार की गांव में तैयारी की जा रही है। दोनों जवानों की शहादत के बाद से ही गांव में माहौल गमगीन है।

बता दें कि जवानों को अंतिम विदाई देने के लिए भैसावता कलां गांव और डूमोली कलां गांव में लोगों के पहुंचने का सिलसिला भी सुबह से ही जारी है। जवानों के घरों में रिश्तेदार और पड़ोसी पहले से ही पहुंचे हुए हैं।

शहीद जवान अजय सिंह का परिवार पिलानी में रहता है। सूचना मिलने के बाद मंगलवार रात को ही परिवार गांव भैसावता पहुंचा। पैतृक गांव भैसावता में ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, प्रशासन की ओर से सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए हैं।

शहीद अजय सिंह नरूका के परिजनों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को अंतिम संस्कार के बारे में जानकारी दे दी है। ग्रामीणों ने तय किया है कि अजय सिंह नरूका का अंतिम संस्कार, शहीद सुजान सिंह की अंत्येष्टि स्थल के पास ही होगा।

शहीद अजय सिंह का पूरा परिवार सेना से जुड़ा है। उनके पिता कमल सिंह भी सेना में 24 राजपूत रेजिमेंट में कार्यरत थे, जो 2015 में ही रिटायर हुए हैं, जबकि चाचा कायम सिंह वर्तमान में सेना की 23 राजपूत रेजीमेंट में सेवाएं दे रहे हैं। कायम सिंह को पिछले साल सेना मेडल से नवाजा गया था। पिता के सेना में होने पर ही अजय सिंह को भी बचपन से ही आर्मी में जाना था।

शहीद अजय सिंह का विवाह 2021 में अगवाना निवासी शालू कंवर के साथ हुआ था। अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह (24) बठिंडा (पंजाब) के एम्स में डॉक्टर है। पत्नी शालू कंवर ने इसी साल चिड़ावा के कॉलेज से एमएससी क्लियर किया है। शहीद अजय सिंह का परिवार पिलानी के हरिनगर में रहता है।

आतंकी हमले में शहीद होने वाले जिले के दोनों जवान एक साथ भर्ती हुए थे और अब शहीद भी एक साथ हुए हैं। अजय सिंह नरूका अपने पिता के कोटे और बिजेंद्र सिंह दौयता अपने सैनिक भाई के कोटे से 2018 में फतेहगढ़ से भर्ती हुए थे। दोनों जवान 10 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे।

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