यमुनानगर, 15 जून यमुनानगर की विजय कॉलोनी निवासी अनिल गिरी (35) उर्फ टुनटुन गिरी बुधवार को कुवैत के मंगफ में लगी भीषण आग में मारे गए लोगों में शामिल थे।
गिरि और अन्य विदेशी कर्मचारी वहां एक सात मंजिला इमारत में रह रहे थे और इस आग की घटना में भारतीयों समेत 49 विदेशी कर्मचारियों की जान चली गई। दिल्ली एयरपोर्ट से शव को अंतिम संस्कार के लिए बिहार में अनिल के पैतृक गांव ले जाया जाएगा।
अनिल गिरी वेल्डिंग असिस्टेंट थे
अनिल का पार्थिव शरीर दिल्ली हवाई अड्डे से अंतिम संस्कार के लिए बिहार में उनके पैतृक गांव ले जाया जाएग उनकी पत्नी प्रियंका अपने दो बच्चों के साथ बिहार के लिए रवाना हो गई हैं अनिल करीब पांच साल पहले कुवैत गया था और वहां वेल्डिंग सहायक/कर्मचारी के तौर पर काम कर रहा था मौत की सूचना मिलने के बाद अनिल की पत्नी प्रियंका अपने दोनों बच्चों के साथ कल बिहार के लिए रवाना हो गईं।
यमुनानगर में एक कॉलेज कैंटीन में काम करने वाली अनिल की छोटी बहन पूजा उर्फ नीतू गिरि ने बताया कि शव को बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित उनके पैतृक गांव काली छप्पर ले जाया जाएगा और वहीं अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बुधवार रात को अनिल की मौत की सूचना उनके साले से मिली जो कुवैत में रहते हैं। पूजा ने आंखों में आंसू भरकर बताया, “मृत्यु की सूचना मिलने के बाद अनिल की पत्नी प्रियंका अपने दो बच्चों के साथ गुरुवार को बिहार के लिए रवाना हो गईं। हमारे माता-पिता बिहार में रहते हैं।”
पूजा ने बताया, “मेरा भाई अनिल करीब पांच साल पहले आजीविका कमाने के लिए कुवैत गया था। वह वहां वेल्डिंग असिस्टेंट/वर्कर के तौर पर काम कर रहा था। वह करीब ढाई साल पहले भारत आया था और इस साल यहां आने की योजना बना रहा था।”
उन्होंने बताया कि अनिल के दो बच्चे हैं, जिनमें एक 14 वर्षीय लड़की है जो नौवीं कक्षा में पढ़ती है और दूसरा बेटा (8) है जो यमुनानगर के एक स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। पूजा ने कहा, “अनिल की पत्नी गृहिणी हैं। वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला था। सरकार को उसके परिवार की आर्थिक मदद के लिए आगे आना चाहिए।”