उद्योग, संसदीय कार्य और श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने रविवार को शिलाई विधानसभा क्षेत्र के दुगाना में कानूनगो एवं पटवार मंडल भवन का उद्घाटन किया। यह भवन 24 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। एक सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने क्षेत्र के लोगों को अपना कार्यालय भवन मिलने पर बधाई दी और कहा कि इस नई सुविधा से आसपास की 11 पंचायतों के निवासियों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कार्यालय भवन की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी और इसके पूरा होने से क्षेत्र में प्रशासनिक दक्षता में काफी सुधार होगा। चौहान ने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत रहता है और विकास का सच्चा प्रतिबिंब पंचायती राज संस्थाओं के स्तर पर ही दिखाई देता है। उन्होंने लोगों से ऐसे प्रतिनिधियों को चुनने का आग्रह किया जो अपनी-अपनी पंचायतों के विकास के लिए समर्पित हों।
पिछले दो वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं से हुई तबाही को याद करते हुए मंत्री ने कहा कि जान-माल और राज्य की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होने के बावजूद, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रही है, जबकि केंद्रीय सहायता कम कर दी गई है।
शिलाई विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, चौहान ने कहा कि वर्तमान कार्यकाल के दौरान 300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें शिलाई में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के लिए 19 करोड़ रुपये और मिनी सचिवालय के लिए 16 करोड़ रुपये, रोनहाट कॉलेज भवन के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये, शिलाई में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में अतिरिक्त कमरों के लिए 1.25 करोड़ रुपये और टिम्बी में आईपीएच विश्राम गृह के निर्माण शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क संपर्क उनकी प्राथमिकता बनी हुई है, जिसमें 24 करोड़ रुपये की मानल-कोडगा सड़क और सलवाला से सतौन तक 15 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला वैकल्पिक मार्ग शामिल है, जिससे सभी मौसमों में संपर्क सुनिश्चित होगा। अन्य प्रमुख परियोजनाओं में भैला-कल्लथा सड़क (5.54 करोड़ रुपये), राजपुर-कल्लथा सड़क (10.49 करोड़ रुपये), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटिन मस्वा (1.26 करोड़ रुपये), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सतौन (1 करोड़ रुपये), राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नगेटा (1.9 करोड़ रुपये), राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सनोग (66 लाख रुपये), राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल, सतौन (5 करोड़ रुपये), थोन्था जलापूर्ति योजना (5.8 करोड़ रुपये) और बाग हावरा जलापूर्ति योजना (3.5 करोड़ रुपये) शामिल हैं।


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