April 1, 2025
Haryana

महेंद्रगढ़ जिले में नसीबपुर शहीद स्मारक परियोजना में देरी हो रही है

The Naseebpur Shaheed Memorial project in Mahendragarh district is getting delayed

नसीबपुर शहीद स्मारक परियोजना महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल विधानसभा क्षेत्र के नसीबपुर गांव में 1857 के विद्रोह में लड़ने वाले शहीदों की याद में एक युद्ध स्मारक बनाने की पहल है। इस परियोजना का उद्देश्य एक व्यापक स्मारक पार्क विकसित करना है, जिसमें एक ओपन-एयर थिएटर, एक आकर्षक प्रवेश द्वार और अन्य तत्व शामिल हैं जो क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करेंगे।

नसीबपुर गांव 1857 के विद्रोह में अपनी भूमिका के कारण महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व रखता है। राव तुलाराम के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सैनिक ब्रिटिश औपनिवेशिक ताकतों के खिलाफ लड़ते हुए गांव में शहीद हुए थे। इसलिए गांव को ऐतिहासिक महत्व का स्थान माना जाता है और युद्ध स्मारक परियोजना इस विरासत को संरक्षित और प्रदर्शित करने का प्रयास करती है।

इस परियोजना की घोषणा कब की गई?

नसीबपुर शहीद स्मारक परियोजना की घोषणा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नवंबर 2016 में महेंद्रगढ़ जिले के दौरे के दौरान की थी। इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय इतिहास के इस महत्वपूर्ण दौर में लड़ने वाले लोगों के बलिदान को सम्मान देना है।

अभी तक, यह परियोजना अभी भी नियोजन और विकास के चरण में है। स्मारक के विकास के लिए परामर्श प्रक्रिया चल रही है, जिसमें दो कंपनियों ने पहले ही अपनी प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत कर दी हैं। हालाँकि, परामर्श अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। परियोजना में पहले ही काफी देरी हो चुकी है।

नसीबपुर शहीद स्मारक परियोजना से जुड़ा विवाद 2016 में की गई घोषणा के बावजूद इसके क्रियान्वयन में हुई देरी के इर्द-गिर्द घूमता है। नसीबपुर गांव के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के अंतर्गत आने के बाद परियोजना को और अधिक जटिलताओं का सामना करना पड़ा, जिससे प्रक्रिया में देरी हुई।

हरियाणा विधानसभा के चालू बजट सत्र में नारनौल विधायक ओम प्रकाश यादव ने मुद्दा उठाया कि मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में की गई घोषणा और धन आवंटन के बावजूद नसीबपुर शहीद स्मारक परियोजना के क्रियान्वयन में काफी देरी हो रही है। यादव ने स्थानीय लोगों की चिंताओं को दूर करने और देरी के कारणों के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के लिए इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने दावा किया कि बजट स्वीकृत होने के बावजूद परियोजना अभी तक शुरू नहीं हुई है।

सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण मंत्री राव नरबीर सिंह ने विधानसभा में जवाब दिया कि यह परियोजना सरकार के विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा कि नसीबपुर में पहले से ही युद्ध स्मारक है। अब यह गांव नारनौल नगर परिषद के अधीन आ गया है। उन्होंने कहा कि युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण का मामला विधायक नगर निगम के समक्ष उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों को जितना सम्मान भाजपा सरकार ने दिया है, उतना किसी सरकार ने नहीं दिया।

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