दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके नेताओं ने कई दावे किए थे, लेकिन दिल्ली की जनता ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया। शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया को अपनी सीट तक बदलनी पड़ी। इसके बावजूद, वह हार गए।
आशीष सूद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बेहतर काम करने के दावे किए थे। उन्होंने यहां तक दावा किया था कि उनकी सरकार की तरफ से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कामों को न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट ने भी छापा। लेकिन दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के सभी मंत्रियों को खारिज कर दिया। अंत में इन सभी मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा।
उन्होंने कहा कि सिर्फ न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट में खबर छपवाने से कोई सरकार सफल नहीं होती है। सरकार जनता के बीच में काम करने से सफल होती है, लेकिन इस दिशा में अरविंद केजरीवाल पूरी तरह से विफल साबित हुए। यही कारण है कि आज सभी पार्षद उन्हें छोड़कर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी के नेता कहते हैं कि उनके दल में बहुत सारे बेकार नेता हैं, तो ऐसी स्थिति में ये सभी नेता मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की आलोचना करके अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन, इससे इन लोगों को कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है।
मंत्री ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए कि दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट के मुस्लिम बहुल इलाके में एक लाख 48 हजार बच्चों के लिए सिर्फ 48 स्कूल ही क्यों हैं? अगर उन्हें इतनी ही चिंता है, तो वहां की बच्चियों को पढ़ने के लिए सात-सात किलोमीटर दूर पैदल क्यों जाना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि जैसे ही बॉर्डर पर धमाकों की आवाज हुई, तो केजरीवाल लुधियाना छोड़कर दिल्ली आ गए। वह विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सभी बच्चों के लिए काम कर रही हैं, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान। हम धर्म के आधार पर राजनीति करने वाले लोग नहीं हैं। हम समाज के सभी लोगों के लिए काम करते हैं। हम विभाजनकारी राजनीति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
इसके साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज तक कांग्रेस ने यह नहीं बताया कि तुर्की में उनका कार्यालय क्यों है? चीन की पार्टी के साथ उनके एमओयू में क्या है? डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी चोरी-छिपे चीन क्यों गए थे? कांग्रेस हमेशा से ही वोट बैंक को साधने वाली राजनीति करती आई है, लेकिन आज की तारीख में देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीति के साथ है।