अयोध्या, 15 जनवरी । श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में वर्तमान में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है, उन्हें भी नए मंदिर के गर्भ गृह में ही स्थापित किया जाएगा और नई प्रतिमा के साथ-साथ उनकी भी एक समान पूजा अर्चना की जाएगी।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भगवान की वर्तमान प्रतिमाएं जिनकी उपासना, सेवा, पूजा लगातार 70 साल (1950 से) से चली आ रही है, वो भी मूल मंदिर के मूल गर्भ गृह में ही उपस्थित रहेंगी। जैसे अभी उनकी पूजा और उपासना की जा रही है, वैसी ही 22 जनवरी से भी अनवरत की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पुरानी प्रतिमाओं के साथ-साथ श्रीरामलला की नई प्रतिमा को भी अंग वस्त्र पहनाए जाएंगे। मालूम हो कि वर्तमान में जिस मंदिर में श्रीरामलला की पूजा होती है, वहां श्रीरामलला अपने तीनों भाइयों के संग विराजमान हैं।
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 16 जनवरी अर्थात मंगलवार से पूजा विधि प्रारंभ हो जाएगी। जो कि 21 जनवरी तक चलेगी। प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। इसमें खिलाड़ी, लेखक, वैज्ञानिक सहित अलग-अलग विधाओं के प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं। 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में 150 से अधिक संतों, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और पद्म पुरस्कार विजेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।
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