N1Live National जेपीसी जिस मकसद से बनाई गई वो दिखावा था, सच्चाई तब थी जब लोगों को सुना जाता: मोहिबुल्लाह नदवी
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जेपीसी जिस मकसद से बनाई गई वो दिखावा था, सच्चाई तब थी जब लोगों को सुना जाता: मोहिबुल्लाह नदवी

The purpose for which JPC was formed was show off, the truth was when people would have been heard: Mohibullah Nadvi

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। जेपीसी की बैठक में विपक्ष के संशोधनों को नहीं माना गया। इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान प्रतिक्रिया दी।

जेपीसी की बैठक में विपक्ष के किसी भी संशोधन को नहीं माना गया। इस पर सपा सांसद ने कहा कि जेपीसी जिस मकसद से बनाई गई थी वो था कि सब लोगों को साथ लें। लेकिन सब लोगों को साथ रखने का एक दिखावा था। सच्चाई तो तब थी कि जब लोगों को सुना जाता और उस पर विचार विमर्श किया जाता। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। विपक्ष के सदस्यों की आवाज को दबाया गया, उनको सस्पेंड किया गया और उनकी बातों को नहीं माना गया। उनके सुझावों को भी अहमियत भी नहीं दी गई। यदि उन्हें इस तरह से ही करना था तो संसद में वोटिंग के जरिए कर लेते।

सपा नेता ने आगे कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को खत्म किया जा रहा है, ये देश के संविधान को बुल्डोज करने की तरह है।

पिछली बैठक में कश्मीर डेलिगेशन आया था उन लोगों ने अपने के विचार रखे। इस पर उन्होंने कहा कि कश्मीर भी हमारे देश का हिस्सा है। दूसरे राज्यों की तरह कश्मीर जाना विपक्ष की मांग थी। हमारा प्रतिनिधिमंडल कश्मीर नहीं जा सका, लेकिन उनको यहां बुलाया गया था। लेकिन अफसोस की बात है कि वो भी संतुष्ट होकर नहीं गए हैं।

बता दें कि सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। बिल को अगस्त 2024 में 14 बदलावों के साथ संसद के पटल पर रखा गया था।

जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “44 संशोधनों पर चर्चा की गई। 6 महीने तक विस्तृत चर्चा के बाद, हमने सभी सदस्यों से संशोधन मांगे। यह हमारी अंतिम बैठक थी इसलिए, बहुमत के आधार पर समिति द्वारा 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया है। विपक्ष ने भी संशोधन सुझाए थे। हमने उनमें से प्रत्येक संशोधन को आगे बढ़ाया और उस पर मतदान हुआ, लेकिन उनके (सुझाए गए संशोधनों) के समर्थन में 10 वोट पड़े और इसके विरोध में 16 वोट पड़े और वो मंजूर नहीं किया गया।”

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।

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