मुंबई, 5 नवंबर । देश में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पर घमासान तेज होता जा रहा है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी इसके फायदे गिना रही है, तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इसे मुसलमानों के खिलाफ भाजपा की राजनीति का हिस्सा मान रही हैं। इस पर भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर सरकार ने पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। हमारा उद्देश्य एक ऐसा सिस्टम स्थापित करना है, जहां देश में एक कानून चले। वर्तमान में वक्फ बोर्ड का हाल ऐसा है कि वक्फ जिसको कह देगी, वह जमीन उसकी हो जाएगी। और फिर आपको ही अपनी जमीन को ट्रिब्यूनल के सामने अपना साबित करना होगा। इसके लिए सिर्फ ट्रिब्यूनल में जाना होता है, कोर्ट में नहीं जा सकते। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर काम होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र में महायुति वक्फ संशोधन के समर्थन में है, जबकि महा विकास अघाडी, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं, इस बिल के खिलाफ है।”
केरल में वक्फ द्वारा एक संपत्ति के दावे के बारे में उन्होंने कहा, “केरल के त्रिवेंद्रम जिले में एक गांव में 600 ईसाई परिवार पिछली पांच पीढ़ियों से रह रहा था। अचानक उन्हें नोटिस दिया गया है कि उन्हें अपने घर खाली करने हैं, क्योंकि यह वक्फ की जमीन है। वे इस मुद्दे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, और हम उनका समर्थन कर रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि रविवार को तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा था कि यह बिल मुसलमानों के दिलों में दर्द पैदा कर रहा है। उनका कहना है कि चंद्रबाबू नायडू के कहने पर ही वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया है। नवाब जान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू चाहते थे कि इस बिल को लेकर सभी का राय-मशविरा लिया जाना चाहिए। पूरे देश में इस मुद्दे पर राय मशविरा चल रहा है और चंद्रबाबू नायडू ने सभी से सर्वे करने का आग्रह किया है। उनका मानना है कि यह आवश्यक है कि इस विषय पर सभी पक्षों की बात सुनी जाए।
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