फरीदाबाद मेट्रो विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) को फरीदाबाद नगर निगम (एमसीएफ) और अन्य एजेंसियों द्वारा पिछले वर्षों में शुरू की गई कुछ आधी-अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
कार्यभार संभालना एफएमडीए, जो यहां नागरिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग तीन साल पहले अस्तित्व में आया था, को कई परियोजनाएं सौंपी गई हैं, जिन्हें एमसीएफ या अन्य विभागों द्वारा संभाला जा सकता था यदि इसकी स्थापना नहीं की गई होती।
एफएमडीए को हस्तांतरित की गई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में राजा नाहर सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नवीनीकरण, एमसीएफ की मुख्य कार्यालय परियोजना, रन्नी कुआं जलापूर्ति योजना, मुख्य सड़कों (30 मीटर चौड़ी या अधिक) का निर्माण और रखरखाव, मुख्य सीवेज और नाली लाइनें तथा रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा विभाजित दोनों पक्षों के बीच आसान पहुंच प्रदान करने के लिए पूर्व-पश्चिम संपर्क गलियारा शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, एफएमडीए ने अब एमसीएफ के बहुमंजिला मुख्यालय भवन के निर्माण का कार्य अपने हाथ में ले लिया है। एफएमडीए, जो यहां नागरिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग तीन साल पहले अस्तित्व में आया था, को कई परियोजनाएं सौंपी गई हैं, जिन्हें एमसीएफ या अन्य विभागों द्वारा संभाला जा सकता था यदि इसकी स्थापना नहीं की गई होती।
एफएमडीए को हस्तांतरित की गई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में राजा नाहर सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, एमसीएफ की मुख्य कार्यालय परियोजना, रन्नी कुआं जलापूर्ति योजना, मुख्य सड़कों (30 मीटर चौड़ी या अधिक) का निर्माण और रखरखाव, मुख्य सीवेज और नाली लाइनें तथा रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा विभाजित दोनों पक्षों के बीच आसान पहुंच प्रदान करने के लिए पूर्व-पश्चिम संपर्क गलियारा शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, सेक्टर 12 में एमसीएफ के मुख्यालय भवन का निर्माण कार्य एजेंसी को सौंपा जाने वाला नवीनतम प्रोजेक्ट है। 40 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च करने के बावजूद यह प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा था। सूत्रों ने दावा किया कि राज्य सरकार से अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई थी, लेकिन लंबित जांच सहित कुछ अड़चनों के कारण यह लंबे समय तक अटका रहा।
एफएमडीए ने पिछले साल स्टेडियम के जीर्णोद्धार की 222 करोड़ रुपये की परियोजना को अपने हाथ में लिया था। दावा किया गया कि अतिरिक्त फंड की मंजूरी समेत इसी तरह की समस्याओं के कारण इसका काम भी रुका हुआ है।
तीसरा बड़ा काम जो एफएमडीए को सौंपा गया है और जिसे शुरू किया जाना है, वह है ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण, ताकि शहर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच सिग्नल-फ्री कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा सके। इसे पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग की भागीदारी से तैयार किया गया था।
इस परियोजना की लागत करीब 1,550 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। FMDA पर सीवेज और ड्रेनेज सिस्टम के नवीनीकरण और रखरखाव की जिम्मेदारी भी है, जो पिछले साल तक MCF के पास थी।
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