N1Live National कोचिंग का दायरा सीमित, सभी को उसी में डाल रहे हैं, यह गैस चैंबर से कम नहीं : राज्यसभा सभापति
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कोचिंग का दायरा सीमित, सभी को उसी में डाल रहे हैं, यह गैस चैंबर से कम नहीं : राज्यसभा सभापति

The scope of coaching is limited, everyone is being put in it, it is no less than a gas chamber: Rajya Sabha Chairman

नई दिल्ली, 29 जुलाई । राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि दिल्ली में हुई तीन छात्रों की मृत्यु की घटना दुखद है। यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है। आप और हम रोज देखते हैं कि अखबार के पहले पेज पर कोचिंग का विज्ञापन, दूसरा पेज पर कोचिंग, र्थड पेज पर कोचिंग का विज्ञापन होता है। इस पर इतना भारी खर्च होता है। यह खर्चा कहां से आता है, यह खर्चा उन छात्रों से आता है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

राज्यसभा में बोलते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “सीमित दायरा है कोचिंग का, आवश्यकता भारत को स्किल की है। स्किलिंग के लिए इतना कुछ हो रहा है। कोचिंग एक सीमित दायरे में है, सभी को उसी में डाल रहे हैं। यह ऐसा हो गया है, जो गैस चैंबर से कम नहीं है। आज के दिन सदस्यों को इस पर ध्यान देना चाहिए। जिन तीन छात्रों की इस हादसे में मृत्यु हुई है, उनकी आत्मा को शांति मिलेगी, यदि सदन में आज इस मुद्दे पर सार्थक सुझाव देंगे।”

प्राधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में छात्र-छात्राओं की दुखद मौत की घटना पर सोमवार को राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा को मंजूरी दी गई। दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हुई है।

राज्यसभा के सभापति ने कहा, “जब मैं इसरो गया तो आश्चर्यचकित रह गया। वहां कोई आईआईटी, कोई आईआईएम से नहीं था। केवल गांव के स्कूलों से पढ़े हुए लोग थे।”

राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी और स्वाति मालीवाल समेत कई सांसदों ने राजेंद्र नगर में हुए हादसे पर चर्चा की मांग की थी। चर्चा की मांग नियम 267 के अंतर्गत की गई, जिसके तहत संसद की अन्य कार्यवाही को स्थगित कर के खास विषय पर चर्चा कराई जाती है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर कहा कि यदि कांग्रेस व अन्य दल इस पर सहमत हो तो नियम 267 के तहत राज्यसभा में इस मसले पर चर्चा की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि चाहे जिस भी नियम के अंतर्गत चर्चा की जाए, लेकिन इस मामले पर तुरंत चर्चा की जानी चाहिए क्योंकि यह एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है। सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत चर्चा तभी संभव है, जब कांग्रेस समेत सभी महत्वपूर्ण राजनीतिक दल इस पर राजी हों।

इस पर कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम मणिपुर पर नियम 267 के तहत चर्चा चाहते थे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।

कांग्रेस के इस रुख के उपरांत सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस की राय सामने आने के बाद नियम 267 के अंतर्गत दिल्ली की इस घटना पर चर्चा की मांग को फिलहाल एडमिट नहीं किया गया है। इसके बाद सभापति ने दिल्ली में हुए इस हादसे पर अल्पकालिक चर्चा को मंजूरी दी।

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