जयपुर, 17 अप्रैल । पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर सियासी बयानबाजियां थमने का नाम ही नहीं ले रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं और हिंदुओं का पलायन एक गंभीर मुद्दा बन गया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए सुमेधानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि बंगाल की मुख्यमंत्री को केवल वोट बैंक की राजनीति से मतलब है और इसी कारण वहां ऐसी संवेदनशील स्थिति उत्पन्न हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बंगाल की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उनका पहला प्रयास यही है कि राज्य की स्थिति को सामान्य रखा जाए और वहां शांति बनी रहे। केंद्र सरकार जिम्मेदारी से स्थिति को संभालने में जुटी है, लेकिन यदि राज्य सरकार असफल रही, तो केंद्र अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करेगी।
सरस्वती ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल सरकार को समझना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यह सिर्फ मुसलमानों का देश नहीं है। यहां सभी जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं। हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना बंगाल सरकार का कर्तव्य है।
जब सरस्वती से यह पूछा गया कि क्या अब बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि स्थिति निश्चित रूप से चिंताजनक है। देश के कई हिस्सों से यह मांग उठ रही है। लेकिन केंद्र सरकार इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और जब भी कोई गंभीर परिस्थिति उत्पन्न होती है, उसका समाधान लोकतांत्रिक और संवैधानिक ढंग से किया जाता है।
बता दें कि वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद समेत कई जिलों में विपक्षी दल और मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया था। मुर्शिदाबाद में हिंसक भीड़ ने पिता-पुत्र को पीट-पीटकर मार डाला था। बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए (कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर) अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था।
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