भारतीय जनता पार्टी के नेता संजय उपाध्याय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की शिक्षा नीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई पैटर्न को अपनाने का फैसला किया है। इसके अलावा, नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा और इतिहास को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही, उन्होंने दिशा सालियान की मौत को लेकर उठ रहे सवालों पर भी राय रखी।
उपाध्याय ने कहा कि महाराष्ट्र के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में दूसरों की तुलना में कम सफल हो पाते हैं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर परीक्षाएं सीबीएसई पैटर्न पर आधारित होती हैं।
उन्होंने बताया, “अगर हम इस पैटर्न को अपनाते हैं, तो हमारे बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह आगे बढ़ सकेंगे। इससे उनका नुकसान नहीं होगा, बल्कि फायदा होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा और इतिहास को जगह देने की बात है। पिछली किताबों में हमारा इतिहास लगभग गायब था। अब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि युवा पीढ़ी को हमारे महापुरुषों के बारे में सही जानकारी मिले। यह हमारी प्राथमिकता है।
उपाध्याय ने कहा कि सरकार ने अभी कुछ ठोस नहीं कहा है। शुरुआत से पहले आर्थिक तैयारी जरूरी है। सरकार ने सिर्फ इसकी जरूरत पर जोर दिया है। इसके बाद उन्होंने दिशा सालिया मामले का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, “दिशा सालियान की मौत के समय कई बातें सामने आई थीं, लेकिन तब इसे दबा दिया गया। अब उनके पिता कोर्ट में अपनी बात रख रहे हैं। यह सख्त कार्रवाई का समय है।”
उपाध्याय ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनावी वादे तो बहुत किए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। कांग्रेस विधायकों की सैलरी बढ़ाने को तैयार है, लेकिन जनता के हित को भूल गई। इससे लगता है कि उनके लिए जनता से ज्यादा खुद का हित अहम है।
उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के लिए काम कर रही है, जबकि विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है।
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