हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज घोषणा की कि राज्य सरकार होम स्टे सहित नई पर्यटन इकाइयों की स्थापना और मौजूदा इकाइयों के विस्तार या उन्नयन के लिए लिए गए ऋणों पर वित्तीय राहत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह सुविधा हिमाचल प्रदेश के किसी भी मूल निवासी को उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर शहरी क्षेत्रों में 3 प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में 4 प्रतिशत और आदिवासी क्षेत्रों में 5 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी ऋण वितरण की तिथि से अधिकतम तीन वर्षों के लिए लागू होगी। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों पर वित्तीय बोझ कम करना और उन्हें राज्य भर में पर्यटन से संबंधित उद्यम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
सुखू ने होम स्टे के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये किफायती आवास प्रदान करते हैं और पर्यटकों को ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक समय बिताने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गाँवों की पर्यटन क्षमता को उजागर करने, स्वरोज़गार को बढ़ावा देने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में मदद करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में 7.78 प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार का व्यापक लक्ष्य राज्य के पारिस्थितिक संतुलन को बिगाड़े बिना निजी हितधारकों के साथ मिलकर स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांगड़ा के बनखंडी में 619 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान, अपनी पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियों के लिए भारतीय हरित भवन परिषद से प्रमाणन प्राप्त करने वाला भारत का पहला चिड़ियाघर बनने की ओर अग्रसर है। इस उद्यान में एक तारामंडल भी होगा।
उन्होंने दोहराया कि कांगड़ा जिले को राज्य की ‘पर्यटन राजधानी’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, तथा कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार पर पहले ही 460 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

