N1Live National हिंदुओं की आस्था के साथ जो खिलवाड़ हुआ है, उसकी पूरी जांच होनी चाहिए : कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा
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हिंदुओं की आस्था के साथ जो खिलवाड़ हुआ है, उसकी पूरी जांच होनी चाहिए : कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा

The tampering with the faith of Hindus should be thoroughly investigated: Congress National Spokesperson Alok Sharma

नई दिल्ली, 20 सितंबर । आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि होने के बाद न केवल देश के साधु-संतों में रोष देखने को मिल रहा है, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी यह एक बड़ा मामला बनता जा रहा है। इसको लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने भाजपा और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी से जवाब मांगा है।

आलोक शर्मा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “अगर इस तरह की कोई घटना हुई है तो वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। आज अगर हिंदुओं की आस्था के साथ जो खिलवाड़ हुआ है, उसकी पूरी जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। चंद्रबाबू नायडू से पहले वहां जगनमोहन रेड्डी थे, जिनके साथ भाजपा ने गुपचुप गठबंधन किया हुआ था। इन्होंने राज्यसभा और लोकसभा में तमाम बिलों पर भाजपा का सहयोग किया है। इसलिए इस मामले पर भाजपा और जगनमोहन रेड्डी दोनों जवाब दें।”

गौरतलब है कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था। प्रसाद के तौर इन लड्डुओं को ना सिर्फ श्रद्धालुओं को बांटा गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता रहा।

इस मामले को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी कहा था “आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर जो रहस्योद्घाटन किया है, वो बहुत ही गंभीर धार्मिक अपराध है। जगन मोहन रेड्डी की सरकार में प्रसाद में जानवरों की चर्बी से बनी घी का उपयोग किया जा रहा था।”

इसी बीच, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने इस मामले में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

इसके अलावा आलोक शर्मा ने पंजाब में प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम एसोसिएशन (पीएचएएनए) की घोषणा पर भी बात की। पीएचएएनए ने स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत कैशलेस इलाज को रोकने की घोषणा की है उसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी शामिल है। यह कदम राज्य सरकार के 600 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान न करने के कारण उठाया गया है।

इस पर आलोक शर्मा ने कहा, “मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि 600 करोड़ रुपए आयुष्मान योजना में गए हैं या आए हैं। लेकिन इतना जरूर है कि अगर राज्य का कोई योगदान है तो उसको वह दे देना चाहिए। ऐसे ही अगर केंद्र का कोई योगदान है तो उसको वह भी देना चाहिए।”

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